
Collector Guideline
भोपाल. कलेक्टर गाइडलाइन में इस वर्ष भी जमीनों के रेट नहीं बढ़ाए जा रहे। बुधवार को हुई जिला मूल्यांकन समिति की बैठक पंजीयन अफसरों की तरफ से पेश किए गए प्रस्ताव को समिति के अध्यक्ष और कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने खारिज कर दिया। दावे आपत्ति और सुझाव के लिए भी दो दिन रखे हैं, 20 मार्च को प्रस्ताव केंद्रीय मूल्यांकन बोर्ड के पास भेजा जाएगा। नए वित्तीय वर्ष एक अप्रेल से पुरानी गाइडलाइन ही लागू रहेगी, शहर की 3897 लोकेशनों पर रेट यथावत रहेंगे। इसके पीछे रियल मकसद रियल एस्टेट को उठाना है।
वर्ष 2020-21 की नई कलेक्टर गाइडलाइन के लिए पंजीयन विभाग के अफसरों ने बावडिय़ाकलां, कोलार, गौरा, नेवरी, दामखेड़ा सहित 30 से ज्यादा लोकेशनों पर 5 से 10 फीसदी जमीनों के रेट बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया था। 1556 लोकेशनों पर की गई पड़ताल के बाद 30 से ज्यादा लोकेशन ऐसी सामने आईं जहां अधिक लोन नहीं बल्कि हकीकत में विकास हुआ। रिपोर्ट पेश करने से पहले पंजीयन अफसरों ने इन लोकेशनों पर कलेक्टर गाइडलाइन से अधिक दर पर हुईं रजिस्ट्री की बारीकी से पड़ताल की, इसके बाद ही प्रस्ताव तैयार किया।
अवैध कॉलोनियों को रखा दूर
शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में काटी गईं अवैध कॉलोनियों में रजिस्ट्री होने के बावजूद इन्हें कलेक्टर गाइडलाइन में इस बार भी जगह नहीं मिली। उपजिला की सूची में 20 से 25 कॉलोनियों के नाम रखे थे ताकि उन्हें गाइडलाइन में शामिल किया जाए।
ड्राफ्ट में लेक फ्रंट के साथ आवासीय दिखाना अनुचित, इसमें बदलाव करें
भो पाल मास्टर प्लान 2031 ड्राफ्ट पर आपत्तियां- सुझाव आना शुरू हो गए हैं। बुधवार को एएस सिंहदेव ने विस्तृत सुझाव आपत्ति दर्ज कराई। सिंहदेव ने बड़ा तालाब किनारे हलालपुरा में आरजी एक श्रेणी में लेक फ्रंट के साथ आवासीय उपयोग दर्शाने को भेदभाव पूर्व व अनुचित लाभ की मंशा की आशंका जताते हुए, इसे दुरुस्त करने की मांग की। उन्होंने यहां प्रति 2000 वर्गमीटर क्षेत्रफल में 25 पेड़ अनिवार्य करने का सुझाव दिया। चूनाभट्टी में बेस एफएआर 1.़25 करने का सुझाव दिया। शहर के पुराने हिस्से में खत्म होते मैदान-तालाबों को बचाने अतिरिक्त विकास शुल्क लगाकर हरियाली की अलग से व्यवस्था की बात लिखी है। औद्योगिक जोन में प्लॉट पर पेड़ लगाने की अनिवार्यता पर बल दिया। तालाब से 50 मीटर तक निर्माण पूरी तरह से प्रतिबंधित करने, ग्रामीण में 200 मीटर तक बफर जोन के साथ ही कैचमेंट के छोटे नालों के किनारे 12 मीटर तक बफर जोन का प्रावधान करने का सुझाव दिया।
Published on:
19 Mar 2020 03:03 am
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