
भोपाल। अध्यापकों के संविलियन की घोषणा भाजपा सरकार की ओर से रविवार को सीएम शिवराज ने कर दी। इसके बाद भी भाजपा पर कांग्रेस के हमले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। चुनावी साल होने के चलते जहां विपक्ष इसे एक राजनैतिक कदम बता रहा है।
वहीं जानकारों का मानना है कि दरअसल कांग्रेस इस बार किसी भी मुद्दे पर कोई कोरकसर छोड़ने को तैयार नहीं है और हर मुद्दे को जोर शोर से उठाना चाहती है। ताकि चुनाव के दौरान कही भी कमतर न रहे। इसी के चलते अध्यापकों के संविलियन की घोषणा के बाद कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ ने एक बार फिर भाजपा पर निशाना साधा है।
कमलनाथ ने ट्विट के माध्यम से सरकार पर शिक्षकों के मुंडन को मुख्य मुद्दा बनाया है। उन्होंने लिखा है कि...
'बधाई के पात्र हैं अध्यापकगण,
जो अपनी मांगों को लेकर शिवराज सरकार के जोर जुल्म व धमकियों के आगे बगैर झुके निरंतर चुनाव हार रही शिवराज सरकार को मानना पड़ा कि अध्यापक देश का भविष्य गढ़ते है और संविलियन की उनकी मांग जायज है...'
इसके सिवाय उन्होंने यह भी लिखा कि
'ये मांग शिवराज पहले मांग लेते तो प्रदेश की अध्यापक बहनों के मुंडन से प्रदेश को शर्मसार होने से बचाया जा सकता था, अब शिवराज को देरी से निर्णय लेने के लिए, मुंडन करवा चुकी अध्यापक बहनों से माफी मांग, अध्यापकों की बची मांगे भी मानें और यह सिर्फ घोषणा बन ना रह जाए,इस पर ध्यान देना चाहिए।'
इससे पहले रविवार को लंबे समय से मांगों को लेकर चल रहे शिक्षकों के आंदोलन के तहत शाहजहानी पार्क में अध्यापक संकल्प सभा और महापंचायत का आयोजन किया गया। जहां अपनी मांगों को लेकर अध्यापकों ने सरकार के विरोध में प्रदर्शन भी किया। इसके बाद अध्यापक मुख्यमंत्री आवास पहुंचे, जहां बातचीत के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने शिक्षकों के संविलियन की घोषणा की।
Published on:
22 Jan 2018 12:14 pm
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