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पिता ने बच्ची को देखा, जुड़ गया बिखरा परिवार

जिला अदालत में शनिवार को आयोजित लोक अदालत में जजों की समझाइश के बाद 7623 मुकदमों का निराकरण पक्षकारों की आपसी सहमति से हुआ।

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पिता ने बच्ची को देखा, जुड़ गया बिखरा परिवार

पिता ने बच्ची को देखा, जुड़ गया बिखरा परिवार

भोपाल. घर का बाथरूम व्यवस्थित न होने से 4 साल से पति-पत्नी अलग रह रहे थे, वहीं 5 साल से अलग रह रहे पिता ने जब मासूम बेटी को देखा तो न केवल साथ रहने को राजी हुआ, बल्कि पत्नी और बच्ची के नाम फ्लैट भी खरीद कर कोर्ट से लौटे। ऐसे ही पारिवारिक विवाद के कई मामलों में जज की समझाइश के बाद टूटे रिश्तों की डोर फिर से जुड़ गई। पारिवारिक विवाद के करीब 50 केस निराकृत हुए। इन मामलों में पति-पत्नी तुलसी के पौधे सौंपे गए। करीब 5 साल से सेविया और दीपांशी अलग थे। मासूम बेटी मां के साथ रहती थी। दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ केस लगा दिए। सुनवाई के दौरान जज ने मासूम को पिता से मिलवाया। पिता का दिल पसीज गया। दोनों पति पत्नी ना केवल एक साथ रहने को राजी हुए बल्कि पति ने पत्नी और बच्ची के नाम नया फ्लैट खरीद कर दिया।

चोरी के मामले में हुआ ऑनलाइन समझौता
चोरी के मामले में बुलंदशहर की जज सूर्या चौहान फरियादी थी। 2019 में सिविल जज की परीक्षा देने ट्रेन से भोपाल आते वक्त मोबाइल चोरी हो गया था। उन्होंने ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से राजीनामे की हामी भरी। जज आरिफ पटेल की कोर्ट में ऑनलाइन राजीनामा करने से मुकदमा निराकृत हो गया।

प्रॉपर्टी के मामले में हुआ राजीनामा
प्रॉपर्टी विवाद के करीब साढ़े 10 करोड़ के मामले में शनिवार को लोक अदालत में पक्षकारों की आपसी सहमति से राजीनामा हुआ। ई- 1 अरेरा कॉलोनी निवासी बलबीर होरा और भाभी स्वीटी होरा के बीच प्रॉपर्टी के संबंध मैं लंबे समय से विवाद था। लोक अदालत में दोनों के बीच समझौता होने से मुकदमे का निराकरण कर दिया गया।

बाथरूम के निर्माण को हुए राजी
जिला अदालत में शनिवार को आयोजित लोक अदालत में जजों की समझाइश के बाद 7623 मुकदमों का निराकरण पक्षकारों की आपसी सहमति से हुआ। घर का बाथरूम व्यवस्थित नहीं होने से अंकुश और रचना 4 साल से अलग रह रहे थे। जज पीसी गुप्ता और काउंसलर सरिता राजानी ने दोनोंको समझाइश दी। पति ने पत्नी की सुख सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए घर और बाथरूम का पुन: निर्माण कराने को राजी हो गया।