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mp election 2023: अब डिजिटल कैम्पेन का जमाना, फिर भी झंडे-गमछे और बैज का अलग ही है मजा

mp election 2023- डिजिटल कैम्पेन के साथ चुनाव की जंग… लेकिन बैनर-पोस्टर, झंडों-गमछों और बैज का क्रेज ऐसा कि इनके बिना जमता ही नहीं रंग – दूसरे प्रदेशों से शहर-कस्बों तक पहुंच रही प्रचार-प्रसार सामग्री

भोपालOct 09, 2023 / 08:26 am

Manish Gite

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India Carpet Expo,India Carpet Expo,

 

श्याम सिंह तोमर

चुनाव प्रचार भले ही हाईटेक हो चला हो, लेकिन रंग तो बैनर-पोस्टर, झंडे, टोपी, पटके, गमछे, मफलर, छाते और बैज से ही जमता है। यही वजह है कि इनका क्रेज अब भी बरकरार है। जनता, प्रत्याशियों की राय है कि बिना झंडे-बैनर के माहौल बनता ही नहीं है। शहरों के मोहल्ले-बस्तियों और अंचल के गांव-टोलों तक रंग-बिरंगी प्रचार-प्रसार सामग्री मतदाताओं को लुभाती है। दूसरी बड़ी बात यह है कि प्रत्याशी ने जो फोटो पहली बार प्रकाशित करवाए, उससे ही लोग प्रत्याशी की छवि बना लेते हैं।

ये क्रेज ज्यादा १. पार्टी, देश के झंडे २. पटका, गमछे ३. टी-शर्ट, बैज ४. मोबाइल स्टिकर ५. मफलर, कैप, टोपी

 

कौन सी सामग्री कहां बनती है

अहमदाबाद-सूरत: पटका, गमछा व टी-शर्ट प्रिंटिंग, झंडा दिल्ली, हरियाणा: मोबाइल स्टिकर, टोपी, बैज, मफलर, ब्रोच, क्लिप, छाते मथुरा: रैलियों के लिए यूज एंड थ्रो टोपियां, पार्टियों के झंडे आदि

 

स्थानीय कारोबारी न के बराबर, ज्यादातर फर्म बाहरी

प्रदेश के व्यवसायी चुनाव प्रचार-प्रसार सामग्री के कारोबार में न के बराबर हैं। अधिकतर फर्म दिल्ली, लखनऊ की हैं। संभवत: इसकी बड़ी वजह ये भी है कि अधिकतर सामग्री का निर्माण दिल्ली, अहमदाबाद, सूरत और मथुरा में होता है। ऐसे में जून-जुलाई में भोपाल आकर इन फर्मों ने काम शुरू कर दिया था।

बड़े शहरों में प्रतिष्ठान खोलने से लेकर जिलों में डिस्ट्रीब्यूटर नियुक्त किए जा चुके हैं। एक अनुमान के मुताबिक भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर में 100 से ज्यादा दुकानें हैं। उज्जैन, रीवा, सतना, सागर जैसे शहरों में ये आंकड़ा 70 से 90 के बीच है। हालांकि बड़े प्लेयर 10 से 15 ही हैं।

 

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1977 से इस कारोबार में हूं। इन सालों में बड़ा बदलाव ये आया है कि बड़े कटआउट के माध्यम से प्रचार पूरी तरह से बंद होना। पर्यावरण के लिए घातक पॉलिथीन और लाउड स्पीकर भी प्रतिबंधित हो चुके हैं। ये सकारात्मक भी है।

-हरिप्रकाश मिश्रा, संचालक, अग्रवाल बंधु लखनऊ

 

मुख्य ब्रांच दिल्ली और भोपाल में है। मध्य प्रदेश के हर जिले में स्थानीय स्तर पर डिस्ट्रीब्यूटर्स रखे हैं। मार्केटिंग चेन के माध्यम से प्रचार-प्रसार सामग्री हर जगह पहुंच रही है। हालांकि अभी सभी दलों के प्रत्याशियों के नाम घोषित नहीं होने से माहौल वैसा नहीं बना है।

-अनुज उपाध्याय, संचालक, दिल्ली वाले की फर्म

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