पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने रविवार को ट्वीट किया है। एनसीपी के 54 में से 53 विधायक शरद पवार जी के साथ रहेंगे। अजीत पवार अकेले रह जाएंगे। शरद पवार के उत्तराधिकारी की समस्या भी हल हो गयी। बधाई सुप्रिया!!
शरद पवार राकांपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। सुप्रिया सुले के राजनीति में आने से पहले ऐसी चर्चाएं थी कि शरद पवार के बाद अजीत पवार ही पार्टी का नेतृत्व करेंगे। लेकिन 2009 के लोकसभा चुनावों में शरद पवार ने अपनी बेटी सुप्रिया सुले को बारामती सीट से लोकसभा का टिकट दिया। सुप्रिया सुले पहली बार सांसद बनीं और 2009 से लगातार चुनाव जीत रही हैं। जानकारों का कहना है कि सुप्रिया सुले के राजनीति में आने के बाद से अजित पवार खुद को असुरक्षित महसूस करने लगे थे। हालांकि ये अटकलों का दौर था। सुप्रिया सुले इस समय बारामती से तीसरी बार सांसद बनीं है।
दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा- महाराष्ट्र के घटनाक्रम पर मोहन भागवत जी की कोई टिप्पणी नहीं आई। देश उनसे जानना चाहता है कि जिन अजीत पवार को देवेन्द्र फडनविस जी ने जेल भेजने का जनता से वादा किया था अब उन्हें उप मुख्य मंत्री बनाया, क्या यह अनैतिक नहीं है? क्या इसी रास्ते से संघ राष्ट्र निर्माण करना चाहता है?