29 अक्टूबर को धनतेरस (Dhanteras 2024)
ज्योतिषाचार्य पंडित जगदीश शर्मा बताया कि कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि से इस पंच पर्व की शुरुआत होती है। पहले दिन धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा होती है। इस दिन भगवान धन्वंतरि के पूजन का भी विधान है।
30 अक्टूबर को यम चतुर्दशी (Yam Chaturdashi 2024)
धनतेरस के अगले दिन चतुर्दशी तिथि को यम चतुर्दशी होता है। इस दिन यम के नाम का दीपक जलाया जाता है। वहीं इसके बाद महालक्ष्मी की पूजन दीपावली का त्योहार मनाया जाएगा।
31 अक्टूबर को मनाई जाएगी दीवाली (Diwali 2024)
ज्योतिषाचार्यों के मत अनुसार 1 नवबंर को अमावस्या तिथि प्रदोष और निशिता काल को स्पर्श नहीं कर रही है जबकि 31 अक्टूबर को अमावस्या तिथि प्रदोष काल से लेकर निशिता काल तक व्याप्त रहेगी। साथ ही 1 नवंबर को आयुष्मान योग और स्वाति नक्षत्र का संयोग भी बन रहा है. लेकिन, तिथियों के अनुसार इस बार 31 अक्टूबर को ही दीवाली मनाना ज्यादा शुभ रहेगा।
गोवर्धन पूजा 2 को, 3 नवंबर को भाईदूज का पर्व मनाया जाएगा
उन्होंने बताया कि वैसे तो दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन(Goverdhanpuja) पूजा की जाती है, लेकिन तिथियों में हेरफेर के कारण गोवर्धन पूजा 2 नवंबर को की जाएगी, इसके बाद 3 नवंबर को भाई दूज (Bhaidooj) का त्योहार बनाया जाएगा।
यहां जानें शुभ मुहूर्त (Diwali 2024 Shubh Muhurat)
इस बार दीपावली पर पूजन के लिए दो मुहूर्त मिलेंगे। पहला शुभ मुहूर्त प्रदोष काल में है। इस दिन प्रदोष काल शाम 5 बजकर 36 से रात्रि 8 बजकर 11 मिनट के बीच रहेगा, जिसमें वृषभ काल शाम 6 बजकर 20 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 15 मिनट तक रहेगा। इसमें भी मां लक्ष्मी का पूजन किया जा सकता है।