सालभर सोशल मीडिया और वॉट्स एप पर लगे रहने वाले स्टूडेंट्स को इस वक्त फोकस करने में बहुत दिक्कत होती है। यह उम्र भी ऐसी ही है कि इसमें सबको ही डिस्ट्रेक्शन होता है। ध्यान पढ़ाई से ज्यादा दोस्ती में लगता है। वहीं, किसी के प्रति अट्रैक्ट होना भी स्वाभाविक सी बात है। इस संबंध में साइकोलोजिस्ट डॉ. विनय मिश्रा का कहना है कि फ्रेंडशिप का पहला कायदा है हेल्प। उम्र के जिस दौर से आप गुजर रहे हैं, उसी दौर से आपका दोस्त भी तो आप दोनों ही सेम प्रॉब्लम फेस करेंगे, इसलिए म्यूचुअल अंडरस्टैंडिंग जरूरी है। आप बात करें, लेकिन पढ़ाई के बीच से ध्यान न भटकाएं क्योंकि इस समय सिस्टमैटिक होना बहुत जरूरी है। सुबह- शाम कम से कम 5 बार डीप ब्रीथिंग करें। इससे आप रिलैक्स रहेंगे और दूसरों से कंपेरिजन न करें। अपनी प्रिपरेशन पर ध्यान दें।