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EXAM TIPS: मैथ्स की न लें टेंशन, इन TRICKS से सॉल्व करें पेपर

मैथ्स की एक्सपर्ट बीना प्रकाश से बात की, जिन्होंने कहा कि मैथ्स के एग्जाम में बहुत हाई लेवल का कोई क्वेश्चन नहीं आता। सिर्फ वैरिएशंस रहते हैं, यानी उसी सवाल को थोड़ा घुमा-फिराकर पूछ लेते हैं।

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sanjana kumar

Feb 19, 2016


भोपाल। काश मैथ्स का पेपर ऑप्शनल होता। मुझे मैथ्स बहुत टफ लगता है।Ó यह कहना है 10वीं में पढ़ रहे रोहित का। मैथ्स के फॉर्मूले तो मुझे याद ही नहीं होते, वैसे तो बस 1 से लेकर 9 तक ही नंबर्स हैं, फिर भी ये गुणा-भाग इतना कठिन क्यों है? 12वीं में पढ़ रहीं स्वाति का भी यही कहना है। बोर्ड एग्जाम्स के लिए बस 10 दिन बचे हैं और बच्चे मैथ्स सब्जेक्ट से इतना ज्यादा डरते हैं कि एग्जाम से पहले अपनी हेल्थ, अपना कॉन्संट्रेशन और अपना सेल्फ कॉन्फिडेंस सब खो बैठते हैं।

मैथ्स एक ऐसा सब्जेक्ट है, जहां हर बच्चा कोई न कोई प्रॉब्लम फेस करता ही है। इसलिए हमने कैंपियन स्कूल की मैथ्स की एक्सपर्ट बीना प्रकाश से बात की, जिन्होंने कहा कि मैथ्स के एग्जाम में बहुत हाई लेवल का कोई क्वेश्चन नहीं आता। सिर्फ वैरिएशंस रहते हैं, यानी उसी सवाल को थोड़ा घुमा-फिराकर पूछ लेते हैं।

टैक्स्टबुक से करें प्रिपरेशन

बीना प्रकाश कहती हैं कि मैथ्स एक ऐसा सब्जेक्ट है, जिसका पैटर्न बहुत ही सिस्टमैटिक है। 12वीं का मैथ्स बहुत ही स्ट्रेट फॉरवर्ड है। ज्योमैट्री का एक ही टॉपिक है। 10वीं के बच्चों को कई बार कुछ टॉपिक्स नए लगते हैं। लेकिन, अगर वे सॉल्व्ड और अनसॉल्व्ड पेपर्स सॉल्व करेंगे तो काफी हद तक उनकी प्रिपरेशन हो जाएगी। बहुत सारी अलग-अलग किताबों से पढऩे की जरूरत नहीं है। अगर आप टैक्स्टबुक से ही अच्छी तरह प्रिपरेशन कर लेंगे तो आप हाई स्कोर कर सकते हैं।

समझदारी दिखाना जरूरी है

सालभर सोशल मीडिया और वॉट्स एप पर लगे रहने वाले स्टूडेंट्स को इस वक्त फोकस करने में बहुत दिक्कत होती है। यह उम्र भी ऐसी ही है कि इसमें सबको ही डिस्ट्रेक्शन होता है। ध्यान पढ़ाई से ज्यादा दोस्ती में लगता है। वहीं, किसी के प्रति अट्रैक्ट होना भी स्वाभाविक सी बात है। इस संबंध में साइकोलोजिस्ट डॉ. विनय मिश्रा का कहना है कि फ्रेंडशिप का पहला कायदा है हेल्प। उम्र के जिस दौर से आप गुजर रहे हैं, उसी दौर से आपका दोस्त भी तो आप दोनों ही सेम प्रॉब्लम फेस करेंगे, इसलिए म्यूचुअल अंडरस्टैंडिंग जरूरी है। आप बात करें, लेकिन पढ़ाई के बीच से ध्यान न भटकाएं क्योंकि इस समय सिस्टमैटिक होना बहुत जरूरी है। सुबह- शाम कम से कम 5 बार डीप ब्रीथिंग करें। इससे आप रिलैक्स रहेंगे और दूसरों से कंपेरिजन न करें। अपनी प्रिपरेशन पर ध्यान दें।

सही मैथड करें अप्लाई

बीना कहती हैं कि मैथ्स एक बार पढ़ लेने वाला सब्जेक्ट नहीं है। आपको सम बार-बार सॉल्व करके देखने होते हैं। अगर आपने कैल्कुलेशन की गलती कर भी दी तो भी आपको मैथड के माक्र्स मिल जाएंगे, लेकिन अगर आपने मैथड में ही गलती की तो पूरे माक्र्स ही चले जाएंगे। इसलिए लिख-लिखकर सम सॉल्व करें।

26 सवाल, 3 घंटे, 100 माक्र्स

बीना कहती हैं कि 12वीं में 6 माक्र्स के 7 सवाल आते हैं। इसमें हर सवाल को 8 मिनट देना पर्याप्त है। वहीं, 4 माक्र्स के 13 सवाल होते हैं, जो 6 से 7 मिनट में हल किए जा सकते हैं। इसके अलावा 1 नंबर वाले 6 सवाल आते हैं, जो टोटल 10 मिनट में हल किए जाने चाहिए। इस तरह से आपको पेपर को रिव्यू करने के लिए भी 20 से 25 मिनट मिल जाते हैं।

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