पशु-पक्षियों को प्यार न करना ईश्वर को भी प्यार न करने के बराबर
संतनगर. दादा टी.एल. वासवानी एक विद्वान संत थे, उन्होंने नारी शिक्षा पर अधिक जोर दिया। उनका मानना था कि यदि एक नारी शिक्षित होगी तो वह दो पीढियों को शिक्षित करेगी। हम पशु पक्षियों को न मारे वें भी जीना चाहते है।
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हम यह संकल्प ले कि दादा जी के जीवन से प्रेरणा लेगे और उनके सिद्धांतों को अपने जीवन में उतारंगे। यह कहना है साधु वासवानी स्कूल के प्रमुख वरिष्ठ शिक्षाविद् विष्णु गेहानी का। सुधार सभा द्वारा संचालित साधु वासवानी स्कूल में दादा टी.एल.वासवानी का जन्म-दिवस बड़े उत्साह एवं उमंग के साथ मनाया गया। शनिवार की सुबह बैड-बाजों से रैली निकाली गई जिसमें ‘‘मूक प्राणियों पर दया करो, शाकाहार अपनाओं’’ के नारे लग रहे थे। विद्यार्थी तख्तियां, बैनर, एवं सफेद झंडे जो शांति का संदेश देते हुए आगे बढ़ रहे थे। मुख्य अतिथि जीव सेवा संस्थान के सचिव महेश दयारामानी ने कहा कि आज का दिन पूरे विष्व में निरामिश दिवस के रूप में मनाते हैं।
मांसाहार त्यागने का संकल्प: इधर दीपमाला पागारानी संस्कार पब्लिक स्कूल साधु टी.एल. वासवानी का जन्मदिवस शाकाहार दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर संस्था के अध्यक्ष सुशील वासवानी,संस्था के सचिव बसंत चेलानी,ने कहा हमें जीव हत्या नहीं करनी चाहिए। स्कूल के प्राचार्य आर. के. मिश्रा, उपप्रचार्या मीनल नरयानी, विद्यालय के स्टाफ मेम्बर और विद्यार्थियों द्वारा मांसाहार त्यागने का संकल्प लिया गया।
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