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सीएम की हिदायत पर गृह मंत्रालय का एक्शन
मध्य प्रदेश में बढ़ रहे सड़क हादसों पर लगाम लगाने के लिए सूबे की कमलनाथ सरकार ( CM kamalnath ) काफी मुस्तैद नज़र आ रही है। सीएम कमलनाथ ने मुख्यमंत्री ( chief minister ) पद की शपथ लेने के बाद पुलिस मुख्यालय में हुई पहली बैठक में इस संबंध में हिदायत दे दी थी। उसके बाद गृह विभाग के निर्देश पर प्रदेश भर में अभियान चलाकर वाहन चैकिंग शुरू की गई। अभियान के तहत टू व्हीलरों ( two wheeler ) के लिए हैलमेट, ड्राइविंग लाइेंस, गाड़ी के कागज जैसी महत्वपूर्ण चीजों की जांच तो की ही जा रही है। साथ ही, जो भी शख़्स शराब पीकर गाड़ी चलाता पाया गया तो उसका ड्राइविंग लाइसेंस भी रद्द किया जा रहा है। साथ ही, ऐसे व्यक्ति पर तगड़ा जुर्माना भी लगाया जा रहा है।
पुलिस कार्रवाई का बड़ा कारण
आपको जानकर हैरानी होगी कि, मध्य प्रदेश में रोज़ाना औसतन 146 सड़क हादसे होते हैं। इन सड़क हादसों के कारण करीब 28 लोगों की मौत ( death ) हो जाती है। साथ ही करीब 158 लोग घायल ( injured ) भी हो जाते हैं। अगर बात सिर्फ राजधानी भोपाल की ही की जाए, तो यहां पिछले दो महीनों में 1800 वाहन चालकों ( Driver ) पर कार्रवाई स्वरूप ड्राइविंग लाइसेंस भी निरस्त किये जा चुके हैं।
RTO का एक्शन
राजधानी भोपाल में जून और जुलाई के महीनों में 18 वाहन चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त हुए हैं। चैकिंग के दौरान जो वाहन चालक शराब पीकर गाड़ी चलाते मिलते हैं ट्रैफिक पुलिस उनका मेडिकल परीक्षण कराती है। उसके बाद केस आरटीओ को भेज देती है। आरटीओ ऐसे ड्राइवर का लाइसेंस निरस्त करके गाड़ी पर तगड़ा जुर्माना ठोक देता है। आरटीओ का मानना है कि, ऐसे व्यक्ति का सड़क पर घूमना खतरे से खाली नहीं है।