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वीआइपी मूवमेंट के चलते माह में चार से पांच बार 20 हजार से अधिक वाहन फंसते हैं जाम में

दस मिनट के लिए ट्रैफिक रोकने पर आधा से एक घंटे तक लगा रहता है जाम

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वीआइपी मूवमेंट के चलते माह में चार से पांच बार 20 हजार से अधिक वाहन फंसते हैं जाम में

वीआइपी मूवमेंट के चलते माह में चार से पांच बार 20 हजार से अधिक वाहन फंसते हैं जाम में

भोपाल. शहर के पांच क्षेत्रों में माह में कम से कम चार से पांच बार 20 हजार से अधिक वाहनों को लंबे समय तक जाम रहना पड़ता है। केंद्रीय मंत्री से लेकर राज्य सरकार के मंत्री, राजनीतिक दल के पदाधिकारियों की आवाजाही के दौरान सडक़ों को पुलिस रोक देती है। चाहे फिर एंबुलेंस ही क्यों न उलझी रहे। मंत्रीजी नहीं गुजरते जब तक पुलिस किसी को चौराहा व सड$क पार नहीं करने देती। दस मिनट के लिए ट्रैफिक रोकने पर आधा से एक घंटे तक वहां जाम की स्थिति बन जाती है क्योंकि पीछे तक सैकड़ों वाहन एकत्रित हो जाते हैं।
ये क्षेत्र वीआइपी मूवमेंट के जाम से परेशान
अरेरा ई- 4 सात नंबर चौराहा- यहां सत्ताधारी दल का प्रदेश कार्यालय है। राजनीतिक मेल मुलाकातों- कार्यक्रमों में केंद्रीय व राज्य के बड़े नेताओं की मूवमेंट आम बात है। मानसरोवर कॉम्प्लेक्स के पास से इ-4 अरेरा कॉलोनी, इ-2 अरेरा कॉलोनी के रास्तों से लेकर महावीर द्वार सात नंबर तक पूरा क्षेत्र जाम कर दिया जाता है।
पोलीटेक्रिक चौराहा मुख्यमंत्री निवास से जुड़ा है। माह से औसतन चार से पांच बार यहां राजनीतिक व केंद्रीय स्तर के पार्टी पदाधिकारियों, मंत्रियों की आवाजाही की स्थिति से ट्रैफिक रोका जाता है। प्रोफेसर कॉलोनी से कमलापार्क की ओर से आवाजाही करने वालों को यहां रुकना पड़ता है।
रोशनपुरा से लालपरेड ग्राउंड, एमएलबी कॉलेज का मैदान राजनीतिक व योजनाओं से जुड़े आयोजनों के लिए प्रसिद्ध है। यहां विधानसभा चुनाव के दौरान काफी बड़े आयोजन हुए। आए दिन यहां आयोजन और इनमें वीआइपी मूवमेंट होता है, जिससे ट्रैफिक को जहांगीराबाद से न्यू मार्केट के बीच तक काफी परेशान होना पड़ता है।

वीआइपी मूवमेंट तो राजधानी में होता है और होगा, लेकिन इसके लिए आमजन को नहीं रोकना चाहिए। प्रधानमंत्री स्तर पर तो ठीक है, लेकिन यहां स्थानीय जनप्रतिनिधियों-नेताओं, मंत्रियों के लिए ट्रैफिक रोक दिया जाता है। पुलिस यहां बल प्रयोग तक करती है। इस पर विचार करने की जरूरत है।

वीके चतुर्वेदी, रिटायर्ड एडीएम