
E Way Bill Kya Hai
भोपाल. किसी भी लोडिंग वाहन में 50 हजार रुपए मूल्य से ऊपर के माल के परिवहन करते समय इ-वे बिल होना अनिवार्य है, अन्यथा माल के टैक्स के बराबर पैनाल्टी लगती है, लेकिन अब यदि बिल होने के बावजूद मानवीय भूल (स्पेलिंग मिस्टेक) सामने आती है तो उस पर मामूली पैनाल्टी आरोपित कर वाहन को रवाना कर दिया जाएगा।
जीएसटी की पैनाल्टी झेलने वाले व्यापारियों के लिए यह बड़ा राहत वाला कदम माना जा रहा है। हालांकि वाणिज्यिक कर विभाग की एंटी इवेजन ब्यूरो के अधिकारियों का कहना है कि अभी उनके पास विभाग से कोई ऑफिशियल पत्र नहीं आया है। इसलिए अभी कुछ कहना उचित नहीं होगा।
दरअसल बीते माह केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल भोपाल आए थे। यहां उन्होंने अलग-अलग व्यापारिक संगठनों से मुलाकात कर जीएसटी से संबंधित परेशानियों को सुना था। व्यापारिक संगठनों ने इस दौरान उन्हें अपनी परेशानियों से अवगत कराया था। शहर के ट्रांसपोर्टरों ने कहा था कि माल का परिवहन करते समय इ-वे बिल तो दस्तावेज में शामिल किया है,
लेकिन जांच के दौरान मानवीय भूल (गलती) हो जाती है तो उस पर भी वाहन को खड़ा करवा लिया जाता है साथ ही टैक्स के साथ भारी पैनाल्टी भी लगाई जाती है। जबकि व्यापारी की मंशा टैक्स चोरी की नहीं है। इस पर केन्द्र सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी कर स्पष्ट किया है कि मानवीय भूल होने पर पैनाल्टी अधिरोपित नहीं की जाएगी। गलतियां होने पर उसके प्रकार भी दिए गए है ताकि जांचकर्ता अधिकारियों में किसी तरह की भ्रम की स्थिति नहीं रहे।
राहत की उम्मीद
वित्त मंत्रालय के इस निर्देश के बाद व्यापारियों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद जग गई है। नोटिफिकेशन में स्पष्ट किया गया है कि यह राहत छह प्रकार की गलतियों के लिए दी गई है। ऐसे मामलों में जीएसटी कानून की धारा-125 में अधिकतम 1000 रुपए की पैनाल्टी लगाई जा सकती है।
धारा 129 (3) के तहत स्पष्टीकरण
- इ-वे बिल में वाहन संख्या भरने में एक या दो अंकों या अक्षरों की गलती।
-एचएसएन कोड भरने में किसी प्रकार किसी प्रकार की मानवीय त्रुटि
-इ-वे बिल में इनवाइस संख्या भरने में कोई एक अंक की गलती हो जाती है
-प्राप्तकर्ता के पते में किसी प्रकार की गलती हो जाती है
-पिन कोड भरने में किसी भी प्रकार की मानवीय त्रुटि हो जाती है
-सप्लायर या प्राप्तकर्ता के नाम में यदि कोई मानवीय भूल हो जाती है
ट्रांसपोर्ट उद्योग में उत्साह
श्री भोपाल ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक मालपानी, राजेन्द्र सिंह बग्गा ऑल इंडिया मोटर्स ट्रांसपोर्ट कंपनीज के अध्यक्ष ठाकुर लाल राजपूत, प्रांतीय वेलफेयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के स्टेट सेकेट्री कमल पंजवानी ने इसे सरकार का सराहनीय कदम और ट्रांसपोर्टर के लिए राहत भरा निर्णय बताया है।
वर्जन
मानवीय या छोटी भूल पर यह निर्णय राहत वाला कदम है। लेकिन 2 डिजिट की गलती ही मान्य होगी। इसके ऊपर गलती हुई तो उस पर टैक्स और पैनाल्टी का प्रावधान रहेगा।
मुकुल शर्मा, जीएसटी एक्सपर्ट
Published on:
16 Sept 2018 07:51 am
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