
इन 5 राशियों को वर्ष 2020 तक नहीं मिलेगी शनि से निजात, करें ये उपाय
भोपाल। शनिदेव को ज्योतिष शास्त्र में न्यायाधीश कहा गया है यानी मनुष्यों के अच्छे-बुरे कामों का फल यही देते हैं। वहीं कहा जाता है यदि यह कुंडली में प्रतिकूल स्थान पर बैठे हो, तो जातक को हमेशा परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
पंडित सुनील शर्मा के अनुसार वास्तव में न्याय का देवता होने के कारण वे आपको आपके कर्मों के हिसाब से ही दंड देते हैं, इसी के कारण कई लोग उन्हें क्रूर ग्रह मान लेते हैं।
शनिदेव व्यक्ति को कर्मों के हिसाब से जातक को उचित फल प्रदान करते हैं। अच्छे कर्म करने वालों को अच्छा फल और बुरा कर्म करने वालों कष्ट देते हैं। ज्योतिष गणना के अनुसार इस समय वृष और कन्या राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है वहीं वृश्चिक, धनु और मकर राशियों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है।
ऐसे में इन सभी 5 राशियों पर शनि का प्रभाव 2020 तक रहेगा। वहीं यदि शनि के प्रभाव को कम करना चाहते हैं तो आपको कुछ उपाय करने पड़ेंगे जो शनि के प्रकोप को कुछ कम कर सकें।
जानिये कौन सी 5 राशियां हैं प्रभावित...
1. वृष राशि :
वृष राशि वाले जातकों पर 2020 तक शनि की ढैय्या का असर रहेगा। अभी हर कार्य में इस राशि वालों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसी के चलते बनता काम बिगड़ने लगता है।
उपाय- साल 2020 तक शनि के प्रभाव को कम करने के लिए गरीबों को हर शनिवार और मंगलवार को गरीबों को काले तिल या कपड़े का दान करना लाभ देगा।
2. कन्या राशि :
इस समय कन्या राशि पर भी शनि की ढैय्या का असर चल रहा है। इसका असर भी साल 2020 तक रहेगा। ऐसे में इस राशि के जातकों को कानूनी मसलों में परेशानी आ रही है और परिवार में तनाव भी बरकरार है।
उपाय-इस परेशानी से बचने के लिए इस राशि वालों को शनिवार को पीपल के पेड़ पर तेल का दीया जलाना शनि के बूरे प्रभावों में कुछ कमी लाएगा।
3. वृश्चिक राशि :
2020 तक इस राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती का असर रहेगा। ऐसे में इस राशि वालों को हर एक काम करते वक्त सावधानी बरतनी जरूरी है नहीं तो नुकसान उठाना पड़ सकता है।
उपाय- परेशानियों से बचने के लिए इन्हें हर शनिवार को काली गाय या काले कुत्ते को रोटी खिलाली चाहिए।
4. धनु राशि :
धनु राशि को भी शनि की साढ़े साती से छुटकारा 2020 में ही मिलेगा। इस काल में इस राशि वालों का कई तरह की परेशानियों से जूझना पड़ सकता है। शनि की कुदृष्टि सबसे ज्यादा धनु राशि पर ही बना हुआ है, जिससे अभी निजात मिलने की उम्मीद नहीं है।
उपाय- शनि के असर को कम करने के लिए हनुमान चालिसा का पाठ लाभदायक रहेगा।
5. मकर राशि :
शनि इस राशि का स्वामी हैं और के 6 सितंबर 2018 को ही शनि वक्री से मार्गी हुआ है। ऐसे में मकर राशि वालों को कुछ राहत मिली है। हालांकि 2020 के बाद ही मकर राशि पर से शनि की साढ़े साती खत्म हो जाएगी।
उपाय- तब तक मकर राशि वालों के लिए शनि चालिसा और शनि व्रत रखना फायदेमंद रहेगा।
शनि को प्रसन्न करने के खास उपाय...
पंडित सुनील शर्मा के अनुसार पुराणों में शनि देव को खुश करने वाले कई उपायों का वर्णन है। शुभ संकल्पों को अपनाने के लिए ही शनिवार को शनि पूजा व उपासना बहुत ही शुभ मानी गई है। यह दु:ख, कलह, असफलता से दूर कर सौभाग्य, सफलता व सुख लाती है।
इसके अलावा ज्योतिष व तंत्र शास्त्र में शनिदेव को प्रसन्न करने के कई उपाय बताए गए हैं, उनमें से कुछ प्राचीन उपाय आज भी बहुत कारगर हैं।
1. सरसों के तेल में लोहे की कील डालकर दान करें और पीपल की जड़ में तेल चढ़ाएं। इससे शनिदेव जल्दी ही प्रसन्न हो जाते हैं और भक्त की मनोकामना पूरी करते हैं।
2. कांसें की कटोरी में तेल भरकर उसमें अपनी परछाई देखें और यह तेल किसी को दान कर दें। शनिदेव को प्रसन्न करने का यह बहुत ही अचूक व पुराना उपाय है।
3. तेल का पराठा बनाकर उस पर कोई मीठा पदार्थ रखकर गाय के बछड़े को खिलाएं, ये छोटा सा उपाय भी बहुत कारगर माना जाता है।
4. किसी भी शनिवार या शनिश्चरी अमावस्या के दिन सूर्यास्त के समय जो भोजन बने उसे पत्तल में लेकर उस पर काले तिल डालकर पीपल की पूजा करें और नैवेद्य लगाएं और यह भोजन काली गाय या काले कुत्ते को खिला दें।
शनिदेव को प्रसन्न करने के खास मंत्र:
1. वैदिक शनि मंत्र:
ऊँ शन्नोदेवीर- भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुन:।
2.पौराणिक शनि मंत्र:
ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम।।
3. तांत्रिक शनि मंत्र :
ऊँ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:।
4. शनि स्तोत्र:
कोणस्थ: पिंगलोबभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:। सौरि: शनैश्चरो मन्द: पिप्पलादेन संस्तुत:।। एतानि दशनामानि प्रातरुत्थाय य: पठेत्। शनैश्चर कृता पीड़ा न कदाचिद्भविष्यति।।
इसके अलावा नित्य प्रात: शनिदेव के दस नामो का स्मरण करने से भी शनि की पीड़ा शांति होती है।
ऊँ ह्रीं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम ।
छायामार्तण्डसंभूतं तं नमामि शनैश्चरम ।।
ऊँ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:।
ऊँ शां शनैश्चराय नम:।
ऊँ भूर्भुव: स्व: शन्नोदेवीरभि टये विद्महे नीलांजनाय धीमहि तन्नो शनि: प्रचोदयात।
ध्यान रखें : शनि मंत्र का जाप 8 बार किया जाता है।
Updated on:
27 Oct 2018 03:32 pm
Published on:
30 Sept 2018 06:50 pm
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