
पितर भी देते हैं संकेत, ऐसे समझिए कि वे खुश हैं या नाराज...
भोपाल। भारत में पितरों के प्रति श्रद्धा और नमन का पर्व 24 सितंबर से शुरू हो चुका है। जानकारी के लिए बता दें हमारे पितृ पूरे 16 दिनों तक हमारे घर में वास करते हैं और ऐसे में हम उन्हें तभी प्रसन्न signals which tells about our forefathers कर सकते हैं जब हम उनका श्राद्ध कर्म सही दिन पर करें।
इन सबके अलावा कुत्ते और विशेषकर कौए को भोजन का एक अंश अवश्य देना चाहिए। श्राद्ध की तिथियां होती हैं। एक विशेष तिथि को विशेष प्रकार से मृत्यु पाए लोग के श्राद्ध की निश्चित तिथि होती है।
श्राद्ध पक्ष में लोग अपने पितरों की तृप्ति के लिए अनेक उपाय करते हैं, कई बार ऐसा होता है कि व्यक्ति उपाय तो सभी करता है लेकिन ये पता नहीं चल पाता कि आखिर उसके पितर उससे प्रसन्न हैं या अप्रसन्न।
पंडित सुनील शर्मा के अनुसार ऐसे में कुछ संकेत ऐसे मिलते हैं जो व्यक्ति को दर्शाते हैं कि उसके पितर उससे प्रसन्न हैं या अप्रसन्न signals which tell us that our forefathers are happy or not। हम आपको यहां उन खास संकेतों के बारे में जानकारी दे रहे हैं आप भी इनके माध्यम से जान सकते हैं कि आपके पितर आपसे प्रसन्न हैं या नहीं...
- श्राद्धों में अगर आपको सपने में सांप दिखाई दे और आप उसे देखकर प्रसन्न हो रहे हों तो समझ लें आपके पितर आपसे प्रसन्न signals which tell us that our forefathers are happy or not हैं।
- श्राद्ध पक्ष की अमावस्या के दिन अगर आपके बिगड़ते काम बन जाएं या आकस्मिक धन की प्राप्ति हो तो समझ लें आपके पितर आपसे प्रसन्न हैं।
- अगर काफी प्रयास करने के बाद भी आपको किसी कार्य में सफलता नहीं मिल रही है तो आप अपने पितरों को याद signals which tells about our forefathers करें और कहें कि कार्य पूर्ण होने पर आप शांति पाठ कराएंगे।
अगर आपका कार्य पूर्ण हो जाता है तो समझ लें आपके पितर आपसे प्रसन्न हैं और अपनी आत्मा की शांति चाहते हैं। ऐसे में पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध पक्ष में तर्पण व पिंडदान करें।
ये हैं पितरों की नाराजगी के लक्षण...
1. अगर आपके घर में लगातार कोई बीमार हो रहा है इलाज के बावजूद ठीक नहीं हो रहा है तो इसका मतलब है कि आपके पूर्वज आपसे नाराज चल रहे हैं।
2. हर इंसान चाहता है कि उसके घर में लड़ाई झगड़ें ना हों लेकिन इसके बावजूद भी ऐसा हो जाता है, यह सब पितृदोष की वजह से भी हो सकता है।
3. कई बार पितृ पक्ष में की गयी छोटी-छोटी गलतियों की वजह से भी आपके घर में अशांति का माहौल बन जाता है, ऐसे में आपको बड़ी ही सावधानी से रहना चाहिए।
4. कई बार अच्छी कमाई होने के बावजूद भी लोगों के घर में पैसों की किल्लत बनी रहती है, ऐसे में आपको समझना चाहिए कि आप पितृदोष का शिकार signals which tell us that our forefathers are happy or not हो गए हैं।
5. अगर समाज में लोग आपसे दूर होते जा रहे हैं और आपके मान-सम्मान में कमी आ रही है तो ये भी पितृ दोष के ही लक्षण हो सकते हैं।
6. अगर आपको आपकी संतानें कष्ट देती हैं तो ये भी पितृ दोष की ही समस्या हो सकती है।
7. अगर आप बार-बार किसी कानूनी पचड़े में फंस रहे हैं तो इसका मतलब है कि आपके पूर्वज आपसे नाखुश चल रहे हैं.
8. अगर आप अचानक से किसी गंभीर बीमारी का शिकार हो जाते हैं तो ये भी आपके पितृ दोष की वजह से ही हो सकता है।
10. अगर आपके घर में किसी का बार-बार एक्सीडेंट हो रहा है तो ये पितृदोष की वजह से हो सकता है। आप अगर चाहें तो पितृपक्ष में अपने पूर्वजों को दुबारा से प्रसन्न कर सकते हैं इससे आप फिर से अपनी सामान्य जिंदगी जी सकते हैं।
इस बार यानि वर्ष 2018 की श्राद्ध की तिथियां...
- 24 सितंबर को पूर्णिमा का श्राद्ध।
- 25 सितम्बर को प्रतिपदा: प्रतिपदा के दिन नाना नानी का श्राद्ध करते हैं। यदि नाना नानी की मृतयु तिथि ज्ञात न हो तो भी इसी तिथि को श्राद्ध करते हैं। ऐसा करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है।
- 26 सितम्बर द्वितीया श्राद्ध।
- 27 को तृतीया श्राद्ध।
- 28 सितम्बर को चतुर्थी: आत्महत्या से दिवंगत लोगों का श्राद्ध चतुर्दशी तिथि में करते हैं। हथियार से मौत या दुर्घटना से मरे लोगों का श्राद्ध चतुर्दशी तिथि में करते हैं।
- 29 पंचमी: जो लोग अविवाहित सामान्य मृत्यु पाते हैं उनका श्राद्ध पंचमी को करते है। अविवाहित जन जो एक्सीडेंट में मरते हैं उनका भी पंचमी को ही श्राद्ध करेंगे।
- 30 को षष्ठी श्राद्ध।
- 01 अक्टूबर को सप्तमी श्राद्ध।
- 02 अक्टूबरअष्टमी: पिता का श्राद्ध अष्टमी को करते हैं।
- 03 अक्टूबर नवमी: माता का श्राद्ध नवमी को करते हैं। महिलाओं के श्राद्ध की सर्वोत्तम तिथि है। किसी भी महिला का श्राद्ध इस दिन करते हैं।
- 04 अक्टूबर दशमी श्राद्ध।
- 05 अक्टूबर एकादशी: परिवार में कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो सन्यास ले लिये होते हैं और उनकी मृत्यु हो जाती है। ऐसे लोगों का श्राद्ध एकादशी और द्वादशी तिथियों में करते हैं।
- 06 अक्टूबर द्वादशी: इस दिन भी परिवार के लोग जो सन्यास लेके मरे हैं उनका श्राद्ध करते हैं।
- 07 अक्टूबर 2018 त्रयोदशी श्राद्ध, चतुर्दशी श्राद्ध।
- 08 अक्टूबर 2018 सर्वपितृ अमावस्या।
Published on:
29 Sept 2018 06:11 pm
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