खदान को नीलाम करने के प्रक्रिया इसी माह से शुरू हो जाएगी। प्रदेश से छत्तीसगढ़ अलग होने के बाद प्रदेश में पहली बार सोने का उत्खनन किया जाएगा।
कटनी जिले के इमलिया क्षेत्र में 6 हेक्टेयर और सिंगरौली जिले के चकरिया क्षेत्र के 23 हेक्टेयर में सोनी, चांदी सहित अन्य धातु की खान चिंहित की गई है। कटनी में 700 किलो सोना तथा सिंगरौली के चकरिया खदान में 400 किलो सोना का भंडार होना बताया जा रहा है। खनिज साधन विभाग द्वारा तय की गई शर्तों के अनुसार जिस कंपनी को उत्खनन का ठेका दिया जाएगा वह यह सोना 29 हेक्टेयर में मात्र 120 मीटर गहराई तक ही निकाल सकेंगी।
इससे अधिक गहराई में सोना निकालने के लिए सरकार से अनुमति लेने के अलावा माइनिंग प्लान अनुमोदन कराने और पर्यावरण की अनुमति लेनी पड़ेगी। कंपनी को सोने के अलावा चांदी सहित अन्य धातु को निकालने के लिए अलग से सरकार से अनुमति लेनी होगी और उसे यह बताना पड़ेगा कि खोदे गए मिट्टी के ढेर में कौन से धातु कितनी मात्रा में पाई गई है।
कटनी जिले में ज्यादा सोना
भारतीय भू वैज्ञानिक के अनुसार कटनी में सोने की मात्रा ज्यादा है। सर्वे रिपोर्ट में यह बताया गया है कि यह 135 मिलियन टन अयस्क है। जिसमें पर टन 1.13 ग्राम सोना निकलने की संभावना है। यहां 7 सौ किलो सोने का भंडार होना तय है, जिसके आधार मूल्य 112 करोड़ रूपए है। अगर कंपनी इस क्षेत्र में गहन जांच करती है तो इसकी संभावना और बढ़ सकती है। लेकिन और सोने के भंडार की खोज के लिए सरकार से अनुमति लेना पड़ेगा। वहीं सिंगरौली में 0.138 मिलियन टन अयस्क है, जिसमें प्रति टन 1.30 ग्राम सोना तैयार होगा। जिसमें 400 किलो सोना निकाला जा सकेगा, जिसका आधार मूल्य 52 करोड़ बताया गया है।
पहली बार निजी हाथों में जाएगी सोना की खान
देश में सोना, लोहा और कोयले की खदानों को भारत सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों को ही उत्खनन का काम दिया जाता है। यह पहला मौका होगा जब सरकार निजी कंपनियों को सोने के उत्खनन में शामिल कर रहा है। इसमें कई कंपनियों ने इन क्षेत्रों सोने मात्रा के संबंध में वैज्ञानिकों से अध्ययन भी कराया है।
पिछले तीन साल से चल रही थी खोज
जियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया द्वारा कटनी और सिंगरौली जिले में सोने की खोज पिछले तीन वर्ष से की जा रही थी। इसमें सोने की शुद्धता और उसकी गुणवत्ता परीक्षण के बाद ही यहां सोना होने प्रमाण के संबंध में राज्य सरकार को रिपोर्ट थी। इसी रिपोर्ट के आधार पर खदान को नीलाम करने की तैयारी की जा रही है।