scriptक्या आपका बच्चा भी ज्यादा देखता है मोबाइल? तो सरकार की ये योजना उसकी लत छुड़ा देगी | government scheme will help to get rid the child mobile addiction ayush department scheme started from ujjain shajapur | Patrika News
भोपाल

क्या आपका बच्चा भी ज्यादा देखता है मोबाइल? तो सरकार की ये योजना उसकी लत छुड़ा देगी

government scheme: अगर आप भी पेरेंट्स हैं और बच्चों के मोबाइल एडिक्शन के कारण अक्सर तनाव में रहने लगे हैं, तो ये खबर आपको खुश कर सकती है। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ऐसे बच्चों के लिए बड़ी योजना लॉन्च करने जा रही है। यहां जानें आखिर क्या है ये योजना और कैसे दूर करेगी बच्चों का मोबाइल एडिक्शन…

भोपालSep 21, 2024 / 04:19 pm

Sanjana Kumar

government scheme
Government Scheme to get rid mobile addiction in children: वर्तमान में घर-घर में पेरेंट्स इस बात से तनाव में रहने लगे हैं कि उनका बच्चा दिनभर मोबाइल देखता है, पढ़ाई पर फोकस नहीं करता और तो और मना करने पर उसका एग्रेसिव रूप भी अब पेरेंट्स को डराने लगा है। लेकिन चाहकर भी वे बच्चों को मोबाइल से दूर नहीं कर पा रहे। अगर आप भी ऐसे ही पेरेंट्स हैं, तो ये खबर आपकी इस चिंता और डर को खत्म कर देगी।
दरअसल दिनभर मोबाइल चलाने वाले या मोबाइल एडिक्ट बच्चों का एडिक्शन छुड़वाने में अब मध्य प्रदेश की मोहन सरकार पेरेंट्स की मदद करने आगे आई है। इसके लिए आयुष विभाग को योजना बनाकर उसका क्रियान्वयन करने की जिम्मेदारी भी सौंप दी गई है। इस योजना के तहत बच्चों को होने वाला पढ़ाई का तनाव और उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की मानीटरिंग के साथ ही उपचार की व्यवस्था भी की गई है।

उज्जैन और शाजापुर से की शुरुआत

एमपी के आयुष विभाग की इस योजना को सीएम डॉ. मोहन यादव ने भी हरी झंडी दे दी है। अब इसे पायलट प्रोजेक्ट के तहत उज्जैन और शाजापुर जिले से शुरू किया जा रहा है। इन दो जिलों में सकारात्मक परिणाम आने के बाद योजना को पूरे मध्य प्रदेश में लागू किया जाएगा।
बता दें कि वैसे तो सरकार की ये योजना पिछले दो वर्ष से संचालित है। इसमें करीब ढाई सौ ऐसे बच्चों का उपचार किया गया है, जिनमें मानसिक विकार से लेकर दांत और आंख संबंधी बीमारियां थीं। लेकिन अब वे पूरी तरह से स्वस्थ हैं। वहीं अब इस योजना को विस्तार देते हुए इसमें मोबाइल एडिक्शन को भी जोड़ा गया है। वहीं नई व्यवस्ता के तहत दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले बच्चे जो भोपाल तक नहीं आ सकते, अब उन्हें भी इस योजना का लाभ मिल सकेगा।

आंगनबाड़ी कायकर्ताओं से ली जाएगी मदद

आयुष विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ‘इस योजना पर काम करने के लिए शासन से अनुमति मिल गई है। अब इसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं, आशा-उषा कार्यकर्ताओं की मदद भी ली जाएगी।
दरअसल ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं लोगों के घरों तक आसान पहुंच रखती हैं। उन्हें अपने क्षेत्र के हर घर-परिवार की जानकारी होती है। ऐसे में वे आसानी से ऐसे बच्चों को चिह्नित कर सकती हैं, जिन्हें इलाज की जरूरत है।

करेंगी बच्चों की हेल्थ मॉनिटरिंग

ये आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं बच्चों को इलाज के लिए नजदीकी होम्योपैथी चिकित्सालयों तक पहुंचाएंगी। इसके साथ ही इलाज ले रहे बच्चों की हेल्थ मॉनिटरिंग का जिम्मेदारी भी संभालेंगी।

जल्द ही प्रदेश भर में शुरू होगी योजना

शासकीय होम्योपैथी कॉलेज, भोपाल के प्राचार्य डॉ. एसके मिश्रा कहते हैं कि इस समय बच्चों में मानसिक समस्याएं ज्यादा बढ़ रही हैं। पढ़ाई का अधिक बोझ, मोबाइल की लत सहित कई परेशानियों के कारण ऐसी समस्या सामने आ रही है। एक सर्वे के अनुसार कम उम्र में ही बच्चों के दांत खराब हो रहे हैं। सभी पहलुओं का परीक्षण करने के बाद निर्णय लिया गया है कि ऐसे लक्षणों के चलते बच्चों का होम्योपैथी चिकित्सा के जरिए समुचित उपचार किया जाएगा।
बच्चों में मानसिक विकारों के साथ ही आंख एवं दांतों की बीमारियां भी हो रही हैं। इसलिए पहले पायलट प्रोजेक्ट के तहत उज्जैन और शाजापुर जिले में समुचित उपचार की यूनिट तैयार कर रहे हैं। यहां सकारात्मक परिणाम मिलने के बाद प्रदेश भर में इस योजना को लागू किया जाएगा।’

Hindi News / Bhopal / क्या आपका बच्चा भी ज्यादा देखता है मोबाइल? तो सरकार की ये योजना उसकी लत छुड़ा देगी

ट्रेंडिंग वीडियो