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जीएसटी में पंजीयन के लिये वार्षिक टर्न ओवर की सीमा 40 लाख हुई

locationभोपालPublished: Dec 16, 2019 07:34:55 am

Submitted by:

Arun Tiwari

– अवैध शराब निर्माण और उसके परिवहन के 1 लाख से ज्यादा प्रकरणों पर कार्रवाई

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भोपाल : वाणिज्यिक कर मंत्री बृजेन्द्र सिंह राठौर Brijendra Singh Rathore ने एक साल का रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए कहा कि 1 जुलाई 2019 से जीएसटी में अनिवार्य पंजीयन के लिये करदाताओं की वार्षिक टर्न ओवर सीमा को 20 लाख से बढ़ाकर 40 लाख कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि वैट अधिनियम में 2 लाख 90 हजार 457 रजिस्टर्ड करदाता जीएसटी में शामिल हुए थे जिनकी संख्या बढ़कर अब 4 लाख 17 हजार 462 हो गई है।

राठौर ने कहा कि पिछले एक साल में 22 करोड़ 30 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त किया है। जीएसटी लागू होने के बाद वर्ष 2015-16 में प्राप्त राजस्व के आधार पर सालाना 14 प्रतिशत की वृद्धि दर से क्षतिपूर्ति देने का प्रावधान किया है। एक साल में 8807 रिफण्ड आवेदन में से 8208 का निराकरण किया गया और क्लेम राशि 529 करोड़ में से 427 करोड़ की वापसी स्वीकार की गई।

केन्द्र के पास लंबित क्षतिपूर्ति क्लेम के 3008.98 करोड़ :

राठौर ने कहा कि केंद्र सरकार के पास मध्यप्रदेश के 3008.98 करोड़ की क्षतिपूर्ति की राशि लंबित है। प्रदेश में वर्ष 2019 में कर की दरों में कमी करते हुए इलेक्ट्रिक व्हीकल पर 12 से घटाकर 5 प्रतिशत, इनके चार्जर पर 18 से घटाकर 5 प्रतिशत और दोना-पत्तल पर 5 से घटाकर जीरो प्रतिशत कर दिया गया है। रियल एस्टेट सेक्टर को बढ़ावा देने के लिये अफोर्डेबल हाउसिंग (45 लाख के मूल्य तक) पर कर की दर 8 से घटाकर 1 प्रतिशत की गई है।

साथ ही, नान अफोर्डेबल हाउसिंग पर कर की दर 12 से घटाकर 5 प्रतिशत की गई है। उन्होंने कहा कि 879 पंजीबद्ध करदाताओं को चिन्हित कर उनके व्यवसाय स्थल की जाँच की गई। जाँच के आधार पर 342 पंजीयन निरस्त किये गये और 30 करोड़ रुपये कर जमा किए गए। पंजीयन एवं मुद्रांक से वर्ष 2018-19 में 5304.77 करोड़ और वर्ष 2019-20 में अब तक 3921.69 करोड़ का राजस्व संग्रहण किया गया है। यह संग्रहण पिछले सालों की तुलना में दस से 13 प्रतिशत तक अधिक है।

2019-20 का आबकारी लक्ष्य लगभग 13 हजार करोड़ :

वाणिज्यिक कर मंत्री ने कहा कि इस साल13 हजार करोड़ रुपये आबकारी राजस्व अर्जित करने का लक्ष्य तय किया गया है। उन्होंने कहा कि वन क्षेत्र और कम आबादी के पर्यटन क्षेत्रों में अवैध शराब की गतिविधियों को रोकने के लिये रिसोर्ट बार (एफ एल-3) के लायसेंस की फीस कम कर दी गई है। इससे बाँधवगढ़, कान्हा और अन्य वन क्षेत्रों में रिसोर्ट बार खोलने के 13 नये प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।

राज्य सरकार ने शराब पर लगने वाले टैक्स को 5 से बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दिया है। इससे शासन को साल भर में 250 करोड़ रुपये अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा। 2019-20 में अभी तक आबकारी ठेकेदारों के विरुद्ध अनियमितता के 62,932 और अवैध रूप से शराब निर्माण, परिवहन, भंडारण और विक्रय करने वालों के विरुद्ध 61,511 प्रकरण पंजीबद्ध कर कार्यवाही की गई है। एक वर्ष में प्रदेश में अवैध मदिरा परिवहन में उपयोग में लाये गये 432 वाहन जप्त किये गये हैं।

 

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