scriptएच3एन2 मरीजों की संख्या बढ़ी, जांच की सुविधा न ही बचाव | H3N2 patients increased, neither the facility of investigation nor the rescue | Patrika News
भोपाल

एच3एन2 मरीजों की संख्या बढ़ी, जांच की सुविधा न ही बचाव

भोपाल शहर के सरकारी अस्पतालों में एच3एन2 इंफ्लुएंजा वायरस जैसे लक्षणों वाले मरीजों की भीड़ है। लेकिन, न तो कोई मास्क लगा रहा है न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा है। जबकि, केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने कोविड गाइड लाइन की सख्त पालना के निर्देश दिए हैं। स्थितियां बिगड़ रही हैं।

भोपालMar 19, 2023 / 10:31 pm

Mahendra Pratap

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H3N2

भोपाल. शहर के सरकारी अस्पतालों में एच3एन2 इंफ्लुएंजा वायरस जैसे लक्षणों वाले मरीजों की भीड़ है। लेकिन, न तो कोई मास्क लगा रहा है न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा है। जबकि, केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने कोविड गाइड लाइन की सख्त पालना के निर्देश दिए हैं। स्थितियां बिगड़ रही हैं। लेकिन सरकार अस्पतालों में एच3एन2 इंफ्लुएंजा वायरस की जांच की कोई खास व्यवस्थाएं नहीं है। सिविल अस्पताल में जांच के नाम पर आरटीपीसीआर टेस्ट किया जा रहा है तो जीएमसी की स्टेट वायरोलॉजी में अभी टेस्ट के लिए किट ही मौजूद नहीं है। इसके सोमवार तक आने का संभावना है। एम्स की रीजनल वायरोलॉजी लैब में ही इसकी जांच की सुविधा है। जहां अब तक सिर्फ एक मामला सामने आया है। सरकारी अस्पतालों में जांच की सुविधा न होने का लाभ निजी लैब संचालक उठा रहे हैं। एच3एन2 की जांच के नाम पर कहीं 1200 तो कहीं 4900 रुपए लिए जा रहे हैं।
यहां बिना टेस्ट इलाज
एच 3एन 2 इन्फ्लूएंजा का प्रदेश का पहला संक्रमित संतनगर में मिला। गंभीर बात यह है निजी चिकित्सक बिना किसी टेस्ट के इलाज कर रहे हैं। हालांकि, सिविल अस्पताल में वायरल मरीजों का आरटीपीसीआर टेस्ट हो रहा है। यहां अभी तक एक भी केस सामने नहीं आया है।
संक्रमित नहीं मिला
सिविल अस्पताल में मौसम में बदलाव से बीमार होने वाले मरीज बढ़े हैं। ज्यातादर मरीजों में बुखार, खांसी, सांस में तकलीफ की शिकायत है। एच 3 एन 2 से संक्रमित तो नहीं है, इसलिए संदेह वाले मरीजों का टेस्ट कराया जा रहा है, अभी तक कोई संक्रमित नहीं मिला है।
-डॉ. रामहित कुमार, अधीक्षक सिविल अस्पताल
एक माह से बढ़े रोगी
इन्फ्लूएंजा के लक्षण वाले मरीज 25-30 दिन से बढ़े हैं। हर रोज मेरे क्लीनिक पर सात-आठ मरीज आते हैं। इन्हें सामान्य होने में समय लग रहा है। बुखार के मरीजों में घर में आइसोलेट होने की सलाह दी जा रही है।
डॉ. शीतल बालानी, वरिष्ठ चिकित्सक
एंफ्लूएंजा गाइडलाइन
एच3एन2 को लेकर केंद्र कि तरफ से राज्यों के लिए क्लीनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल फॉर सीजनल एंफ्लूएंजा गाइडलाइन जारी की गई है। जिसके अनुसार ऑक्सीजन स्तर 90 से कम होने पर अस्पताल में भर्ती करने को कहा गया है। साथ ही आइसोलेशन वार्ड में दो बेड के बीच एक मीटर दूरी रखने के निर्देश दिए हैं।
Mahendra Pratap Singh,
संदिग्ध मरीज को दें टैमी फ्लू

इन्फ्लूएंजा H3N2 और H1N1 के लक्षण वाले मरीजों को ओसाल्टामिविर (टैमीफ्लू) दवा दी जाए। यह दवा उन मरीजों को दी जाए, जिनमें सीजनल इन्फ्लूएंजा ( H3N2, H1N1) के लक्षणों के साथ नए वैरिएंट की आशंका हो।
क्या है H3N2 वायरस
H3N2 इन्फ्लूएंजा-ए वायरस का सब टाइप है। डब्ल्यूएचओ और अमेरिका के सीडीसी के मुताबिक यह मनुष्यों में इन्फ्लुएंजा का अहम कारण है। यह वायरस पक्षियों और जानवरों को भी संक्रमित कर सकता है। पक्षियों और दूसरे जानवरों में इसके कई स्ट्रेन्स पैदा हो चुके हैं। जो श्वसन में संक्रमण पैदा करता है। इन्फ्लूएंजा ए वायरस का सब टाइप है जिसकी खोज 1968 में हुई थी।
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