
CM Mohan Yadav (फोटो सोर्स : @DrMohanYadav51)
CM Mohan Yadav: राजधानी भोपाल में पर्यावरण परिसर स्थित स्टेट एन्वायरनमेंट इम्पैक्ट असेसमेंट अथॉरिटी (सिया) के दफ्तर में सोमवार को हंगामा मच गया। सिया अध्यक्ष शिवनारायण सिंह चौहान पहुंचे तो दफ्तर पर ताला मिला। उन्होंने खोलने के लिए कहा तो प्रशासनिक अफसर ने मना कर दिया। चौहान लौट गए। उन्होंने पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव पर गंभीर आरोप लगाए। कहा-मैंने पर्यावरणीय अनुमतियां जारी करने में भ्रष्टाचार को उजागर किया, इसलिए प्रमुख सचिव नवनीत मोहन कोठारी ने मेरा चैंबर सील करा दिया। उन्होंने सीनियर अफसरों से शिकायत की। बात दुबई में तक पहुंची, तब अपराह्न 3.30 बजे ताला खुला। प्रमुख सचिव कोठारी का कहना है कि ऑफिस में बिजली संबंधी फॉल्ट था, कोई दुर्घटना न हो इसलिए बंद कराया।
सिया दफ्तर का विवाद दुबई में सीएम डॉ. मोहन(CM Mohan Yadav) तक भी पहुंचा। सूत्र बताते हैं, सीएमओ ने उन्हें विवाद की जानकारी दी। इस पर सीएम ने कहा, विवाद को कानूनी तौर पर खत्म करें, जो गलत है उस पर कार्रवाई होगी। लेकिन पहले दफ्तर का ताला खुलवाएं। इसके बाद सिया कार्यालय में लगा ताला खुलवाया गया।
मैं दो दिन से बाहर हूं। एप्को परिसर में बिजली का कुछ फॉल्ट था। इसे ठीक कराना था। किसी भी तरह की दुर्घटना से बचने के लिए कमरा बंद कराया गया। इस कारण वहां मेरा चैंबर भी बंद रखा गया था। उन्होंने जबरन कमरा खुलवा लिया। यदि कोई दुर्घटना होती है तो जिम्मेदार वे खुद होंगे। - नवनीत मोहन कोठारी, प्रमुख सचिव पर्यावरण
सिया अध्यक्ष चौहान ने बताया, 7 मई के बाद से पर्यावरणीय अनुमति जारी करने के लिए सिया की कोई बैठक नहीं हुई है। सचिव ने बैठक का न एजेंडा दिया और न ही तारीख तय की। मैंने मई व जून में बैठक की तारीख और स्थान तय किया था, पर बैठक नहीं कराई। कई बार पत्र भी लिखे। उन्होंने बताया, आवेदनों का निराकरण 45 दिनों के भीतर करना अनिवार्य है। इस बारे में पत्र तैयार कराने मैं सिया दफ्तर पहुंचा तो ताला लगा था। मुख्य सचिव से बात की, तब चैंबर खोला। उनका आरोप है,पीएस व सिया सदस्य सचिव उमा माहेश्वरी खनिज माफिया से गठबंधन कर जानबूझकर बैठक नहीं होने दे रहे हैं।
सिया अध्यक्ष ने बताया, एन्वायरमेंट क्लीयरेंस (ईसी) केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्रालय व सिया ही दे सकते हैं। लेकिन हाल ही में कार्यवाहक सदस्य सचिव के जरिए पीएस ने सिया को बायपास कर 237 आवेदनों में डीम्ड परमिशन दी। पीएस ने अनुमोदन किया। उन्हें अधिकार नहीं है। सिया की अनुमतियां सचिव ने आवेदक को नहीं दी। अपलोड भी नहीं कराए। ऐसी अनियमिताओं में ५ साल की सजा का प्रावधान है। मैंने मंत्रालय में शिकायत की। दोनों अफसरों पर केस दर्ज कराने की मांग की है।
Updated on:
16 Jul 2025 08:23 am
Published on:
15 Jul 2025 09:22 am
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