साइबर पुलिस ने स्पष्ट किया है कि यदि बगैर वन टाइम पासवर्ड प्राप्त हुए किसी खाता धारक के खाते से कोई भी धोखाधड़ी पूर्वक पैसा निकालता है तो बैंक ये राशि लौटाने के लिए जिम्मेदार होंगे। ऐसे मामलों में आरोपियों की धरपकड़ एवं विवेचना में वित्तीय संस्थान पूरी मदद करेंगे। भोपाल पुलिस के अधिकारियों ने वित्तीय संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर पूर्व में भी यह एडवाइजरी साझा की थी।
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शहर में रोज साइबर धोखाधड़ी के नए मामले दर्ज हो रहे हैं। बीते २४ घंटों में भी 2 मामलों में धोखाधड़ी पूर्वक बैंक खातों से राशि निकालने के मामले दर्ज किए गए हैं। थानों में दर्ज हुए इन मामलों में उपभोक्ताओं के खाते से धोखे से बड़ी रकम उड़ा ली गई है. यहां तक कि क्रेडिट कार्ड का वेरिफिकेशन करने के नाम पर भी उपभोक्ताओं से ठगी की जा रही है.
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार थाना शाहपुरा गुलमोहर कॉलोनी निवासी नम्रता जैन ने अज्ञात मोबाइल धारक के खिलाफ धोखाधड़ी पूर्वक बैंक खाते से 24 हजार 700 रुपए निकालने की शिकायत दर्ज कराई है। इसी तरह थाना साइबर क्राइम में पंतनगर निवासी सुनील कुमार ने दो अज्ञात मोबाइल धारकों के खिलाफ क्रेडिट कार्ड का वेरिफिकेशन करने के नाम पर 29 हजार 990 रुपए निकालने की शिकायत दर्ज कराई है।
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पुलिस अधिकारियों के अनुसार साइबर ठगी के मामले में प्राय: बैंक अधिकारी अपने पल्ला झाड़ लेते हैं. उनके गैर जिम्मेदाराना रवैए के कारण ऐसे मामलों में जांच में बहुत परेशानी आती है जबकि इस संबंध में केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन में बैंकिंग संस्थानों की भूमिका भी स्पष्ट रूप से तय की गई है। गाइडलाइन के पालन से ऐसे मामलों की निश्चित रूप से कमी आएगी.