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Independence Day 2021 छीनकर लाए टैंक का रखा पाकिस्तानी नाम, पत्थर फेंकते हैं लोग

Independence Day 2021 मध्यप्रदेश में सेना के जवानों की बहादुरी की ऐसी अनेक स्मृतियों को संजोकर रखा गया है ...।

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Independence Day 2021 75th Independence Day 2021

Independence Day 2021 75th Independence Day 2021

भोपाल. Independence Day 2021. स्वतंत्रता दिवस पर देश की सीमाओं की चौकसी कर रहे जवानों की याद आना लाजिमी ही है। भारतीय सैनिकों का शौर्य अद्भुत है। हमारे वीर सैनिकों ने हमेशा अदम्य साहस व वीरता का प्रदर्शन किया है। दुश्मन देशों से हुई भिड़ंत में प्राय: कमतर हथियारों या संसाधनों के बाद भी सैनिकों के हौसले और जज्बे के बल पर ही कई बार विजय प्राप्त हुई।

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विशेषकर पाकिस्तान के खिलाफ हमारी सेना में जबर्दस्त आक्रोश देखा जाता है। यही कारण है कि जब-जब पाकिस्तान से भिड़ंत हुई तब—तब हमारे सैनिकों ने अपूर्व साहस का परिचय दिया। भारतीय सैनिकों ने न केवल देश की रक्षा की बल्कि दुश्मन का खासा सबक भी सिखाया। हर युद्ध में हमारी सेना ने पाकिस्तानियों को पीठ दिखाने को मजबूर किया है।

मध्यप्रदेश में सेना के जवानों की बहादुरी की ऐसी अनेक स्मृतियों को संजोकर रखा गया है। खासतौर पर जबलपुर में भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणास्पद बन सकनेवाली अनेक यादगारों को संवारा गया है। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इनका जिक्र करना मौजूं होगा। यह शहर देश का बड़ा सैन्य ठिकाना रहा है, यहां सेना का आयुध कारखाने भी है।

युद्धों में यहां प्रशिक्षित सैनिकों व यहां की फैक्ट्रियों में तैयार गोला-बारूद, हथियारों का बहुत बड़ा योगदान रहता आया है। लिहाजा, यहां जवानों की बहादुरी की दास्तानें सुरक्षित रखी गई हैं। इनमें पाकिस्तान से छीनकर लाए अमेरिकी पैटन टैंक भी शामिल हैं। ज्ञातव्य है कि 1965 के भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान की मुख्य ताकत उसके 176 पैटन टैंक व 44 एम 24 टैंक थे।

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इनकी मारक क्षमता भारत के टैंकों से बहुत अधिक थी। लेकिन भारतीय सेना के रणबांकुरों ने खेमकरण के मैदान को इन पैटन टैंकों की कब्रगाह बना डाला। इनमें से 170 पैटन पूरी तरह तबाह कर दिए गए। इसके साथ ही भारतीय सेना ने पाकिस्तान से 11 पैटन टैंक सही-सलामत अपने कब्जे में ले लिए। इनमें से आधा दर्जन टैंक जबलपुर आर्मी सेंटर में रखे हैं।

पाकिस्तान के कब्जे से लाए गए पैटन टैंकों में से एक जबलपुर की रिज रोड पर सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए रखा गया है। खास बात यह है कि तत्कालीन पाकिस्तानी सेना के कमांडर इन चीफ व राष्ट्रपति मोहम्मद अयूब खान के नाम पर इस टैंक का नाम भी अयूब रख दिया गया है। पाकिस्तान के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर करने के लिए कई बार युवा जोश में आकर टैंक पर पत्थर फेंकने लगते हैं।