Inflation: dal price rising smoothly, no action taken till now
दाल-रोटी खाओ प्रभु के गुण गाओ...। जब तक दाल हर रसोई के बजट में थी, तब तक तो ये पंक्ति हर जुबां पर सुनने मिल जाती थी। पर आज रोटी से दाल बिछड़ती जा रही है। अनायास ही सही पर इससे बिछड़ने का दर्द तो रोटी को भी है। दाल और रोटी के धीरे-धीरे बिछड़ने का दर्द हर उस मध्यमवर्गीय और गरीब परिवार को भी हो रहा है, जो इन दिनों दाल पर आई महंगाई की आंच में सिर्फ रोटी से ही पेट भर रहा है।
भोपाल। दाल की कीमत ने जमीन से आसमान तक का सफर तय कर लिया है। पिछले दो दिनों में ही दाल ने 20 रुपए की छलांग लगाई है। अब दिसंबर में नई फसल आने पर ही दाल सस्ती मिल पाएगी। आम आदमी के किचन का बजट लड़खड़ागया है।
दाल का कटोरा कहे जाने वाले पिपरिया और नरसिंहपुर जिले में तुअर दाल की कीमतें दस हजार के पार पहुंच गई है। बताया जाता है कि जिले में दाल की पैदावार अतिवृष्टि के चलते कम हुई है। ऊपर से देशभर में बारिश ने फसलें बर्बादी कर दी है। इसने दाल के दामों को आसमान पर पहुंचा दिया है।
नवरात्र के दिनों में शहर के लोगों को अपनी जेब पहले के मुकाबले अधिक हल्की करने पड़ रही है। अब खाने की चीजों की भी इंटरनेट पर मार्केटिंग होती है। जिस चीज के खरीददार बढ़ जाते हैं, उसी चीज के रेट भी बढ़ जाते हैं। पहले प्याज ने रसोई का बजट बिगाड़ा, अब दालों के दाम आसमान छूने लगे हैं। 80 से 90 रुपए प्रति किलो बिकने वाले उड़द दाल के दाम 170 रुपए प्रति किलो पहुंच गए।
दिसंबर में मिलेगी राहत
मध्यप्रदेश के कुछ हिस्सों में तुवर का उत्पादन होता है। महाराष्ट्र और कर्नाटक में कम बारिश के चलते फसल प्रभावित हो गई। दिसंबर में देसी तुवर की आवक कर्नाटक-महाराष्ट्र में होने के बाद भावों में गिरावट आ सकती है।
चिकन से महंगी हो गई दाल, दिग्विजय का ट्वीट
180 रुपए किलो पर पहुंचकर दाल अब एक किलो मुर्गे से भी महंगी हो गई है। हैदराबाद में तो कई लोगों ने दाल को छोड़कर अंडे को ही रोजमर्रा के खाने में शामिल कर लिया है। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के भी ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि दाल मुर्गा से महंगी। क्या मोदीजी चाहते हैं सभी दाल छोड़कर मुर्गा खायें?
दाल मुर्ग़ा से महंगी । क्या मोदी जी चाहते हैं सभी दाल छोड़ कर मुर्ग़ा खायें ?