तीन दिन बाद बजट सत्र प्रारंभ होगा। इस बार बजट में प्रदेश के लिए क्या बड़ी सौगात होगी?
यह आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का बजट रहेगा। इसमें इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार पर विशेष ध्यान रहेगा। रोजगार में महिला सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान रहेगा। समाज के सभी वर्गों का कल्याण व विकास पर फोकस करेंगे।
रिक्त पदों की भर्ती की मांग चल रही है। बेरोजगारी भी है, इसके लिए क्या कदम उठा रहे हैं?
बैकलॉग के पदों पर लगातार भर्तियां चल रही हैं। सभी विभागों की भर्तियां निकाली भी जा रही हैं। सभी पद भरना हमारा लक्ष्य है। एमएसएमई सेक्टर में भी रोजगार के अच्छे अवसर पैदा हो रहे हैं।
यह आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का बजट रहेगा। इसमें इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार पर विशेष ध्यान रहेगा। रोजगार में महिला सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान रहेगा। समाज के सभी वर्गों का कल्याण व विकास पर फोकस करेंगे।
रिक्त पदों की भर्ती की मांग चल रही है। बेरोजगारी भी है, इसके लिए क्या कदम उठा रहे हैं?
बैकलॉग के पदों पर लगातार भर्तियां चल रही हैं। सभी विभागों की भर्तियां निकाली भी जा रही हैं। सभी पद भरना हमारा लक्ष्य है। एमएसएमई सेक्टर में भी रोजगार के अच्छे अवसर पैदा हो रहे हैं।
सीएम राइज स्कूल आपका ड्रीम प्रोजेक्ट है, मगर इस सत्र में अधिक स्कूल नहीं खोले जा रहे हैं?
इस वर्ष कुछ स्कूल प्रारंभ कर रहे हैं। कई स्थानों पर इमारतें बनाई जाना हैं, उसकी प्रक्रिया चल रही है। जहां आवश्यक क्षमता की इतारत मौजूद हैं, वहां इस सत्र से ही शुरुआत कर देंगे।
इस वर्ष कुछ स्कूल प्रारंभ कर रहे हैं। कई स्थानों पर इमारतें बनाई जाना हैं, उसकी प्रक्रिया चल रही है। जहां आवश्यक क्षमता की इतारत मौजूद हैं, वहां इस सत्र से ही शुरुआत कर देंगे।
निवेशकों आकर्षित करने के लिए क्या अब ग्लोबल समिट जैसा कोई आयोजन होगा?
प्रदेश में हर सप्ताह निवेशक आते हैं और प्रस्ताव देते हैं। उन पर हम कार्रवाई करते हैं। एमएसएमई के 13 क्लस्टर बने हुए हैं, उनमें भी निवेशक आ रहे हैं। कोविड के कारण बड़ी समिट को स्थगित किया गया था। अब फिर से इस पर विचार करेंगे।
प्रदेश में हर सप्ताह निवेशक आते हैं और प्रस्ताव देते हैं। उन पर हम कार्रवाई करते हैं। एमएसएमई के 13 क्लस्टर बने हुए हैं, उनमें भी निवेशक आ रहे हैं। कोविड के कारण बड़ी समिट को स्थगित किया गया था। अब फिर से इस पर विचार करेंगे।
लोगों के खातों में राशि पहुंचाने के बड़े सरकारी आयोजन क्यों किए जाते हैं?
इससे जनता में जागरूकता आती है और सार्वजनिक कार्यक्रम होने से गड़बड़ी की आशंका भी न्यूनतम हो जाती है। अधिक प्रचार होता तो अधिक से अधिक हितग्राही सरकारी योजनाओं का फायदा लेने के लिए आगे आते हैं।
इससे जनता में जागरूकता आती है और सार्वजनिक कार्यक्रम होने से गड़बड़ी की आशंका भी न्यूनतम हो जाती है। अधिक प्रचार होता तो अधिक से अधिक हितग्राही सरकारी योजनाओं का फायदा लेने के लिए आगे आते हैं।
विपक्ष की भूमिका कैसी लगती है
विपक्ष बौखलाहट में है। हर अच्छे काम का विरोध करना है। सार्थक विरोध हो तो ठीक है, अन्य विरोध को जनता जानती समझती है। पांच राज्यों में चुनाव हो रहे हैं, तीन राज्यों में तो आप प्रचार के लिए गये हैं, क्या स्थिति देख रहे हैं?
स्पष्ट देख रहा हूं कि हवा BJP के पक्ष में ही है। हम सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास के मंत्र के साथ आगे बढ़ रहे हैं। आज देश की जनता भी समझ गई है कि भाजपा ही एक ऐसी पार्टी है जहां परिवारवाद नहीं है। हम विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे हैं, PM के नेतृत्व में अभूतपूर्व विकास कार्य हुए हैं और जनता BJP को आशीर्वाद दे रही है। 10 मार्च को भाजपा जीत की होली खेलेगी।
विपक्ष बौखलाहट में है। हर अच्छे काम का विरोध करना है। सार्थक विरोध हो तो ठीक है, अन्य विरोध को जनता जानती समझती है। पांच राज्यों में चुनाव हो रहे हैं, तीन राज्यों में तो आप प्रचार के लिए गये हैं, क्या स्थिति देख रहे हैं?
स्पष्ट देख रहा हूं कि हवा BJP के पक्ष में ही है। हम सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास के मंत्र के साथ आगे बढ़ रहे हैं। आज देश की जनता भी समझ गई है कि भाजपा ही एक ऐसी पार्टी है जहां परिवारवाद नहीं है। हम विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे हैं, PM के नेतृत्व में अभूतपूर्व विकास कार्य हुए हैं और जनता BJP को आशीर्वाद दे रही है। 10 मार्च को भाजपा जीत की होली खेलेगी।
चुनावी रैलियों में एक अलग ही शिवराज नजर आ रहे हैं। उत्तराखंड में राहुल-केजरीवाल को राहु-केतु कहते हैं, उत्तर प्रदेश में अखिलेश को औरंगजेब बताते हैं?
चुनाव को चुनाव के तरीके से ही लड़ा जाता है। आप खुद Samajwandi Party और Akhilesh Yadav का इतिहास उठाकर देख लें। जैसे औरंगजेब ने अपने पिता शाहजहां को ही कैद कर दिया था, अखिलेश ने भी अपने पिता के साथ विश्वासघात किया। और ये मैं नहीं उनके पिता ने खुद ही कहा है, इसलिए अखिलेश यादव आज के औरंगजेब हैं। उधर राहुल गांधी और केजरीवाल ये जहां गए वहां कुछ किया तो नहीं, विकास और ठप कर देते हैं। जो जनता के कार्यों में बाधा बनें, शुभ कार्यों में अड़चन डाले उन्हें राहु-केतु नहीं तो क्या कहें।
चुनाव को चुनाव के तरीके से ही लड़ा जाता है। आप खुद Samajwandi Party और Akhilesh Yadav का इतिहास उठाकर देख लें। जैसे औरंगजेब ने अपने पिता शाहजहां को ही कैद कर दिया था, अखिलेश ने भी अपने पिता के साथ विश्वासघात किया। और ये मैं नहीं उनके पिता ने खुद ही कहा है, इसलिए अखिलेश यादव आज के औरंगजेब हैं। उधर राहुल गांधी और केजरीवाल ये जहां गए वहां कुछ किया तो नहीं, विकास और ठप कर देते हैं। जो जनता के कार्यों में बाधा बनें, शुभ कार्यों में अड़चन डाले उन्हें राहु-केतु नहीं तो क्या कहें।
Rahul Gandhi लोगों को आजकल हिन्दू और हिन्दुत्व के बीच का फर्क समझा रहे हैं। आपकी नजर में क्या है हिंदुत्व ?
राहुल गांधी के बारे में क्या बोलूं। उनकी तो मानसिक आयु ही 5-6 वर्ष है। राहुल गांधी को अभी यह भी नहीं पता कि प्याज जमीन के ऊपर लगती है या नीचे, वो क्या बताएंगे कि हिन्दू क्या है और हिन्दुत्व क्या है। राहुल गांधी पहले तुष्टिकरण की राजनीति करते थे, जनता ने उन्हें सबक सिखाया। इसके बाद उन्होंने हिंदुओं को बांटने की साजिश रची। इसमें भी वे नाकामयाब हुए क्योंकि जनता अब उनकी बातों पर ध्यान नहीं देती है। हमारे मनीषियों और संतों ने आज नहीं, हजारों साल पहले कहा था कि हिन्दुत्व ही राष्ट्रीयत्व है।
राहुल गांधी के बारे में क्या बोलूं। उनकी तो मानसिक आयु ही 5-6 वर्ष है। राहुल गांधी को अभी यह भी नहीं पता कि प्याज जमीन के ऊपर लगती है या नीचे, वो क्या बताएंगे कि हिन्दू क्या है और हिन्दुत्व क्या है। राहुल गांधी पहले तुष्टिकरण की राजनीति करते थे, जनता ने उन्हें सबक सिखाया। इसके बाद उन्होंने हिंदुओं को बांटने की साजिश रची। इसमें भी वे नाकामयाब हुए क्योंकि जनता अब उनकी बातों पर ध्यान नहीं देती है। हमारे मनीषियों और संतों ने आज नहीं, हजारों साल पहले कहा था कि हिन्दुत्व ही राष्ट्रीयत्व है।
आप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ईश्वर का वरदान बताते हैं। आखिर क्यों?
देखिए, वे वास्तव में ही भारत के लिए ईश्वर का वरदान हैं। उनके नेतृत्व में नए भारत का निर्माण हो रहा है। वे आज विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता है। देश के विकास के लिये ग्रामोदय से राष्ट्रोदय के संकल्प को वो पूरा कर रहे हैं आत्मनिर्भर भारत की दिशा में हम तेजी से आगे बड़ रहे हैं। इंग्लैंड के प्रधानमंत्री ने कहा था वन सन, वन वल्र्ड, वन ग्रिड और वन नरेंद्र मोदी। लेकिन मैं कहता हूं कि वे वन सेवियर (सबकी रक्षा करने वाला) भी हैं। वे हर भारतीय को सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं।
देखिए, वे वास्तव में ही भारत के लिए ईश्वर का वरदान हैं। उनके नेतृत्व में नए भारत का निर्माण हो रहा है। वे आज विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता है। देश के विकास के लिये ग्रामोदय से राष्ट्रोदय के संकल्प को वो पूरा कर रहे हैं आत्मनिर्भर भारत की दिशा में हम तेजी से आगे बड़ रहे हैं। इंग्लैंड के प्रधानमंत्री ने कहा था वन सन, वन वल्र्ड, वन ग्रिड और वन नरेंद्र मोदी। लेकिन मैं कहता हूं कि वे वन सेवियर (सबकी रक्षा करने वाला) भी हैं। वे हर भारतीय को सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं।
यूक्रेन संकट में भारतीय छात्रों की सुरक्षा के लिए केन्द्र व राज्य सरकार क्या प्रयास कर रही है?
भारत ने हमेशा अपने नागरिकों के जीवन की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। जहां भी संकट आया, हमने अपने नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत लगभग 6 हजार से अधिक भारतीय छात्रों की सुरक्षित घर वापसी हो चुकी है। यह अभियान निरंतर जारी है। रूस और यूक्रेन के राष्ट्रपतियों से भी प्रधानमंत्री लगातार बात कर रहे हैं। प्रदेश की बात करें तो तीन मार्च तक प्रदेश के 225 बच्चे वापस आ चुके हैं। दिल्ली स्थित मध्यप्रदेश सरकार के आवासीय आयुक्त द्वारा भी विद्यार्थियों की वापसी के संबंध में आवश्यक समन्वय किया जा रहा है। मैंने स्वयं भी वहां जाकर इस संबंध में अधिकारियों से चर्चा कर समीक्षा की है।
भारत ने हमेशा अपने नागरिकों के जीवन की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। जहां भी संकट आया, हमने अपने नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत लगभग 6 हजार से अधिक भारतीय छात्रों की सुरक्षित घर वापसी हो चुकी है। यह अभियान निरंतर जारी है। रूस और यूक्रेन के राष्ट्रपतियों से भी प्रधानमंत्री लगातार बात कर रहे हैं। प्रदेश की बात करें तो तीन मार्च तक प्रदेश के 225 बच्चे वापस आ चुके हैं। दिल्ली स्थित मध्यप्रदेश सरकार के आवासीय आयुक्त द्वारा भी विद्यार्थियों की वापसी के संबंध में आवश्यक समन्वय किया जा रहा है। मैंने स्वयं भी वहां जाकर इस संबंध में अधिकारियों से चर्चा कर समीक्षा की है।
पौधरोपण के संकल्प को एक साल पूरा हो गया है, आप अपने जन्मदिन पर भी पौधरोपण की अपील कर रहे हैं ?
एक साल पहले नर्मदा जयंती पर एक पेड़ लगाने का संकल्प लिया था। तब से मैं रोज एक पेड़ लगाता हूँ और सभी से यही आग्रह करता हूं कि किसी भी शुभ अवसर पर एक पेड़ लगाएं। इसके लिए हमने अंकुर अभियान भी शुरू किया, जिसमें लाखों लोग जुड़े हैं और पौधरोपण कर रहे हैं। पिछले साल और इस साल भी मेरे जन्मदिन पर भी मैंने स्वागत द्वार बनवाने, उपहार और बुके देने से सभी को मना किया है। सभी से अपील की है कि एक पेड़ लगाएं।
एक साल पहले नर्मदा जयंती पर एक पेड़ लगाने का संकल्प लिया था। तब से मैं रोज एक पेड़ लगाता हूँ और सभी से यही आग्रह करता हूं कि किसी भी शुभ अवसर पर एक पेड़ लगाएं। इसके लिए हमने अंकुर अभियान भी शुरू किया, जिसमें लाखों लोग जुड़े हैं और पौधरोपण कर रहे हैं। पिछले साल और इस साल भी मेरे जन्मदिन पर भी मैंने स्वागत द्वार बनवाने, उपहार और बुके देने से सभी को मना किया है। सभी से अपील की है कि एक पेड़ लगाएं।