
Jyotiraditya Scindia Aggressive : इन लोगों को न देश की चिंता है न प्रधानमंत्री के पद की चिंता है, न राष्ट्रपति के पद की चिंता है..इनको तो केवल अपनी हैसियत की चिंता है। कुछ इस अंदाज में केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संसद में गुरुवार को विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव के जवाब की शुरुआत की। सिंधिया ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि मिशन मणिपुर की आड़ में जो अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है वो विपक्ष अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए लाया है।
मणिपुर हिंसा पर विपक्ष से पूछे सवाल
मणिपुर हिंसा को लेकर लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब देते हुए सिंधिया ने कांग्रेस पर पलटवार किया। उन्होंने विपक्ष से एक एक कर कई सवाल पूछे सिंधिया ने पूछा - 1993 में जब मणिपुर की जातीय हिंसा में 750 लोगों की जान गई, तब तत्कालीन पीएम नरसिम्हा राव ने सदन के अंदर मौन व्रत क्यों धारण किया था ? 2011 में मणिपुर में 123 दिन जातीय हिंसा चली तो तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह ने सदन के अदर मौन क्यों रखा इसका उत्तर ये लोग दें। सन् 1964 में बंगाल के दंगों के समय ये मौन क्यों थे। सन् 84 के सिक्ख दंगों में जब 4000 सिख भाई-बहनों को जिंदा जला दिया गया तो ये मौन क्यों थे। सन् 87 के मेरठ के दंगों के समय में ये क्यों थे। और सन् 90 से कश्मीर में हजारों लोगों की मौत हुई तब ये मौन क्यों थे। ये अगर दोगली राजनीति नहीं है तो क्या है। आज इनकी अवसरवादी सोच का पर्दाफाश मैं इस सदन में करूंगा।
'मेरा मुंह मत खुलवाना वरना...'
संसद में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव का जबाव देते हुए सिंधिया उस वक्त नाराज हो उठे जब विपक्ष के सदस्यों ने दो साल में ही सब बदल गया कहते हुए शोर मचाना शुरु कर दिया। इससे सिंधिया अग्रेसिव हो गए और तत्काल जवाब दिया कि आपने ही मुझे बदला है..मेरा मुंह मत खुलवाना वरना...इस दौरान सिंधिया ने साफ साफ लफ्जों में ये भी कहा कि विपक्ष को खुजली बहुत होती है।
INDIA समूह घमंडिया समूह
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने विपक्षी दलों के समूह इंडिया पर भी करारा हमला बोला। सिंधिया ने कहा कि ये जो समूह है I डॉट N डॉट D डॉट I डॉट A डॉट समूह है इसमें एक प्रोफेसर हैं जो सिंद्धांतों-मूल्यों की बात करते हैं। लेकिन ऐसे दल का प्रतिनिधित्व करते हैं जिसने भ्रष्टाचार का नया कीर्तिमान रचाया है। इस समूह में एक ऐसी नेत्री है जो ये सोचती है कि कश्मीर को भारत के साथ जोड़ना सबसे बड़ी भूल है, ये इनका असली चरित्र है। इनका जो समूह है वो घमंडिया समूह है, सत्ता के लालच में ये सब एक साथ आए हैं जिनके दिल नहीं मिलते वो दल मिला रहे हैं, हाथ में हाथ मिलाकर चल रहे हैं।
Updated on:
10 Aug 2023 05:16 pm
Published on:
10 Aug 2023 05:02 pm
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