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जानें, लॉटरी के नाम 50 लोगों को कैसे लगाई लाखों की चपत

- रुपए जमा करवाने किराए पर लेते थे ग्रामीणों के बैंक खाते- प्रदेश के निवाड़ी में चल रहा था मोबाइल पर लोगों को ठगने वाले गिरोह का कॉल सेंटर

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Every year in February, every second earned around 2.5 crores

भोपाल. प्रदेश के छोटे से गांव के खेतों में बैठकर देशभर के नागरिकों को लॉटरी लगने का झांसा देकर ठगने वाले गिरोह का साइबर और सूखीसेवनिया पुलिस ने खुलासा किया है। पुलिस ने पिछले 10 सालों से मोबाइल फोन से ठगी कर रहे गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने साइबर फ्रॉड से कमाए गए रुपयों से आलीशान मकान बना लिए हैं।
एसपी साउथ साई कृष्ण थोटा ने बताया कि, आवेदक परवेज खान ने साइबर क्राइम में शिकायत की थी कि विकास शर्मा नाम के व्यक्ति ने एक कंपनी में तीन लाख 90 हजार रुपए का लकी ड्रॉ खुलने के नाम उनसे सर्विस टैक्स एवं इनकम टैक्स के नाम पर दो बैंक खातों में 38 हजार रुपए डलवाकर धोखाधड़ी की। पुलिस जांच में भी दो खातों में रुपए ट्रांसफर होना पाए गए। पुलिस ने बैंक खातों और मोबाइल नम्बरों को जांच में लिया।
जांच में सुराग मिलने पर साइबर एवं सूखी सेवनिया की टीम प्रदेश की सीमा पर स्थित निवाड़ी गांव पहुंची। यहां दो दिनों तक घूमने के बाद पुलिस दल ने निवाड़ी के गोराखास निवासी विनोद अहिरवार, अंकित अहिरवार, अरविंद प्रजापति एवं नजदीक के अस्तारी गांव के राघवेन्द्र यादव को दबोच लिया।प्रकरण में अन्य अरोपी फरार है जिनकी तलाश की जा रही है। पुलिस ने इनके पास से ठगी में उपयोग होने वाले चार मोबाइल फोन, एक एटीएम कार्ड, एक माइक्रो एटीएम मशीन एवं एक थम्ब इंप्रेशन मशीन को जब्त किया है।

- पुलिस आने पर भाग जाते थे यूपी
निवाड़ी और उसके पास के अस्तारी गांव सीमा पर ही लगे हैं। आरोपी न केवल ग्रामीणों के बिना उपयोग वाले एकाउंट किराए पर लेते थे, बल्कि उनको आर्थिक लाभ भी पहुंचाते थे। ऐसे में पुलिस आने पर ग्रामीण भी इनकी मदद करते थे। इतना ही नहीं पुलिस आने की भनक लगने पर यह सीमा पार करके यूपी या वहां से एमपी चले जाते थे। इस तरह 10 साल से ठगी कर सैकड़ों लोगों को ठगने के बाद भी यह पकड़ में आने से बचे हुए थे। अब तक 50 लोगों से लाखों की ठगी का पता चल चुका है बाकी तफ्तीश की जा रही है।
- बांट रखी भूमिका
विनोद अहिरवार - लोगों को फर्जी कॉल कर लकी ड्रॉ का लालच देकर धोखाधडी पूर्वक पैसे जमा करवाना।
अंकित अहिरवार - लोगों के एकाउंट किराए पर लेकर फर्जी एटीएम कार्ड से पैसे निकालना।
अरविंद प्रजापति - खुद के कियोस्क से पैसे निकालना एवं सिम की व्यवस्था करना।
राघवेन्द्र यादव- मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा पर चक्की संचालक, लोगों को ठगने के लिए फोन करना एवं कमीशन पर नकद रुपए मुख्य आरोपियों तक पहुंचाना। आरोपियों को संरक्षण देना।
- इस टीम ने की गिरफ्तारी
आरोपियों को पकडऩे में सायबर टीम के उप निरीक्षक पारस सोनी, सूखी सेवनिया के आरक्षक तेजराम सेन, सहायक उप निरीक्षक भानुप्रताप बुन्देला एवं आरक्षक रामेश्वर चौरसिया की भूमिका रही।