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कहीं जी का जंजाल न बन जाए तीसरी का आंख का पहरा

वाईफाई से कनेक्ट सीसीटीवी कैमरों पर हैकर्स की नजर

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21 साल के यूट्यूबर के घर में सीसीटीवी कैमरे से उसका निजी वीडियो वायरल होने के बाद से तीसरी आंख के पहरे पर सवाल खड़े होने लगे हैं। क्योंकि जिस तीसरी आंख को आप अपने घर, दफ्तर, दुकान और गाड़ियों में लगाकर खुद को महफूज समझ रहे हैं। अब उसी तीसरी आंख के पहरे से आपको सावधान रहने की जरूरत है। क्योंकि हैकर्स की निगाहें अब आपके घर के सीसीटीवी कैमरे तक पहुंच गई है। क्योंकि अमूमन घरों में निगरानी के लिए लोग इंटरनेट से कनेक्ट होने कैमरे का इस्तेमाल करते हैं। जिसका एक्सेस फोन पर भी आसानी से मिल जाता है। इसका इस्तेमाल इनदिनों सबसे ज्यादा हो रहा है। इसलिए हैकर्स इंटरनेट के जरिए ऐसे कैमरों को हैक कर आपको घर का निजी वीडियो पा सकते हैं।

हर घर में ऐसे लग रहे कैमरे

दरअसल ज्यादातर लोग अपने घर की निगरानी के लिए 1500 से 3000 तक के कैमरे खरीद रहे हैं। वो सीधे आपके वाई- फाई नेटवर्क से कनेक्ट हो जाता है। और एक एप आपके फोन में स्टॉल करवा दिया जाता है। जिससे आपको इंटरनेट के जरिए कैमरे का एक्सेस मिल जाता है। और आप आसानी से कैमरे को कहीं से बैठकर देख सकते हैं।

सबसे पहले वाई- फाई में हमला करते हैं हैकर्स

ज्यादातार सीसीटीवी वाईफाई से कनेक्ट होते हैं। ऐसे में अगर किसी को आपके सीसीटीवी कैमरे का एक्सेस हासिल करना है तो वो सबसे पहले आपके वाईफाई पर हमला करता है। ऐसे में अगर आपने सीसीटीवी सिस्टम के लिए कमजरो पासवर्ड का इस्तेमाल किया है तो हैकर्स आसानी से इसमें सेंधमारी कर सकते हैं।

सीसीटीवी कैमरों के मामले में ये है प्रदेश के बड़े शहरों की स्थिति

- भोपाल: 10 किमी के दायरे में 5000 से ज्यादा कैमरे

- राजधानी भोपाल में कदम- कदम पर तीसीर आंख का पहरा है। प्राइवेट सीसीटीवी कैमरों की बात करें तो टीटीनगर के 10 किमी की रेंज में 5000 से ज्यादा कैमरे लगे हैं। जिसमें 150 से ज्यादा प्वाइंट पर 781 कैमरे पुलिस के लगे हुए हैं।
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इंदौर: सीसीटीवी कैमरे लगाने के मामले में इंदौर सबसे आगे

- सीसीटीवी कैमरे लगाने के मामले में इंदौर प्रदेशभर में सबसे अव्वल है। एक सर्वे के मुताबिक इंदौर में 1 हजार लोगों पर सीसीटीवी की डेंसिटी 62 प्रतिशत से ज्यादा है। इंदौर के ज्यादातर घरों में लोग सीसीटीवी कैमरे का उपयोग करते हैं।
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जबलपुर: हर दस मीटर पर कैमरे का पहरा

- जबलपुर में तंग गलियों से लेकर बड़े- बड़े प्रतिष्ठानों तक सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। खास बात ये है कि यहां के 70 प्रतिशत से ज्यादा कैमरों का एक्सेस मोबाइल पर है। यहां पुलिस ने करीब 28 प्वाइंट पर 120 से ज्यादा कैमरे लगा रखे हैं।
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ग्वालियर: हर मुख्य सड़क बाजार में तीसरी आंख

- ग्वालियर शहर की हर मुख्य सड़क बाजार सीसीटीवी कैमरों से लेस है। प्राइवेट सीसीटीवी कैमरों की बात करें तो 10000 से ज्यादा लगे हुए हैं। इसी के साथ पुलिस और स्मार्टसिटी के भी 800 से ज्यादा कैमरे निगरानी करते हैं।
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सीसीटीवी का करते हैं इस्तेमाल तो बरतें ये सावधानियां


- कैमरा स्टॉल करवाने के बाद उसका आईडी- पासवर्ड बदल दें।
- कैमरे में लगे आईपी एड्रेस का स्कैनर जैसी चीजों को हटा दें।
- समय- समय पर पासवर्ड बदलते रहें।
- बेडरूम में कैमरा लगवाने से बचें।
- कैमरा खरीदने से पहले उसकी कंपनी के सुरक्षा मापदंडों को जरूर देखें।
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सीसीटीवी कैमरे का इंटरनेट से कनेक्ट होते ही हैकिंग का खतरा मंडराने लगता है। इससे सुरक्षित रहने का उपाय यही है कि कैमरा खरीदते वक्त क्वालिटी का जरूर ध्यान रखे। फायरबॉल का इस्तेमाल करने वाली कंपनियों को चुने। क्योंकि बाजार में इस समय 1200 रूपए से लेकर लाखों रूपए के कैमरे उपलब्ध हैं।

यश वर्मा, सीसीटीवी कैमरा कारोबारी