भोपाल

दो साल में धर्म और नाम छिपाकर 107 युवतियों का शोषण, सबसे अधिक मालवा-निमाड़ में

-मार्च 2021 में मप्र में लागू हुआ था धर्म स्वतंत्रता अधिनियम-103 प्रकरणों में हिन्दू युवतियों को धर्मांतरण के लिए प्रताडि़त करने के आरोप-धर्म स्वतंत्रता अधिनियम के तहत दो साल में प्रदेशभर में दर्ज हुए कुल 115 प्रकरण

2 min read
Feb 09, 2023
दो साल में धर्म और नाम छिपाकर 107 युवतियों का शोषण, सबसे अधिक मालवा-निमाड़ में

भोपाल. पहचान या कहें कि नाम और धर्म छिपाकर युवतियों के शोषण के सबसे अधिक मामले मालवा और निमाड़ में सामने आए हैं। मार्च 2021 में मप्र में लागू किए गए धर्म स्वतंत्रता अधिनियम के तहत अभी तक कुल 115 प्रकरण दर्ज हुए हैं, जिनमें से पिछले साल यानी वर्ष 2022 का आंकड़ा 50 प्रकरणों का है। हालांकि वर्ष 2021 में दर्ज हुए 65 प्रकरणों की तुलना में पिछले साल 15 प्रकरण कम दर्ज हुए। धर्म स्वतंत्रता अधिनियम में दो साल में दर्ज कुल प्रकरणों में से 107 लव जेहाद के हैं, जिनमें मूल धर्म छिपाकर बदले हुए नाम से आरोपियों ने पीडि़ताओं से दोस्ती की और बाद में धर्म परिवर्तन करने के लिए दबाव बनाया। आठ प्रकरण वे हैं, जिनमें आरोपियों ने इलाज, बच्चों की पढ़ाई समेत आर्थिक प्रलोभन देकर जबरिया धर्म परिवर्तन के लिए प्रताडि़त किया। इस अधिनियम के तहत सबसे अधिक 30 केस इंदौर जिले में दर्ज हुए हैं। इस मामले में 11 प्रकरणों के साथ खंडवा जिला दूसरे नंबर पर है। इस दरमियान भोपाल जिले दस केस पंजीबद्ध किए गए। गौरतलब है कि दो साल में दर्र्ज 115 प्रकरणों में से 101 में पुलिस ने कोर्ट में चालान पेश कर दिया है, जबकि 14 मामलों में चालानी कार्रवाई बाकी है। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि सात प्रकरणों में आरोपियों ने पीडि़ताओं का धर्म परिवर्तन करा लिया था, जबकि 108 में इसके लिए दबाव बनाया जा रहा था।
पीडि़ताओं में सबसे अधिक हिन्दू युवतियां
मप्र में धर्म स्वतंत्रता अधिनियम लागू होने के बाद से दर्ज मामलो में सबसे अधिक 111 पीडि़ताएं हिन्दू हैं। इनमें से 103 को मुस्लिम धर्म में तो सात को ईसाई धर्म में शामिल करने के लिए प्रताडि़त किया गया। दो ईसाई युवतियों को जबरन मुस्लिम बनाने के लिए प्रताडि़त करने के भी मामले सामने आए हैं।

55 के साथ बलात्कार तो 27 से छेड़छाड़
दो साल में दर्ज धर्म स्वतंत्रता अधिनियम के तहत दर्ज मामलों में 55 ऐसे हैं, जिनमें पीडि़ताओं के साथ आरोपियों ने बलात्कार किया, वहीं 27 युवतियां छेड़छाड़ का शिकार हुईं। 33 प्रकरणों में मारपीट, दहेज प्रताडऩा समेत साइबर क्राइम की बात सामने आई है। इसके अलावा आठ प्रकरण ऐसे हैं, जिनमें लालच या इलाज का झांसा देकर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने की बात सामने आई है।
आधे से अधिक प्रकरण मालवा-निमाड़ में
धर्म स्वतंत्रता अधिनियम के तहत दो साल में दर्ज कुल 115 प्रकरणों में आधे से अधिक यानी 68 प्रदेश के मालवा और निमाड़ क्षेत्र के 12 जिलों के हैं। इनमें से भी सबसे अधिक 47 प्रकरण मालवा के 8 जिलों के हैं, जबकि 21 प्रकरण निमाड़ के चार जिलों में दर्ज हुए हैं। नरसिंहपुर और सिवनी जिले में 6-6, बड़वानी में पांच, खरगोन व धार में चार-चार, शाजापुर और मंदसौर में तीन-तीन, नीमच, शहडोल, आगर-मालवा, रीवा, हरदा और सतना जिले में दो-दो केस पंजीबद्ध हुए हैं। इसके अलावा अशोक नगर, बालाघाट, उज्जैन, सीधी, बैतूल, राजगढ़, सीहोर, डिंडौरी, छतरपुर, ग्वालियर, टीकमगढ़, दमोह और सागर में एक-एक केस दर्ज हुआ है।
धर्म स्वतंत्रता अधिनियम में दर्ज प्रकरण
वर्ष---- प्रकरण
2021----65
2022---50

Published on:
09 Feb 2023 07:43 pm
Also Read
View All

अगली खबर