
भोपाल. मध्यप्रदेश के टूरिस्ट प्लेसेस देशी-विदेशी पर्यटकों को सबसे ज्यादा लुभा रहे हैं. ग्रामीण पर्यटन के मामले में प्रदेश को दुनिया में नंबर वन घोषित किया गया। 1 नवंबर को लंदन में वर्ल्ड ट्रैवल मार्केट (डब्ल्यूटीएम ) के रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म अवाॅर्ड्स में यह घाेषणा की गई. ग्रामीण पर्यटन कार्यक्रम में मध्यप्रदेश को गोल्ड अवाॅर्ड ‘डेस्टिनेशन बिल्डिंग बैक बेटर पोस्ट कोविड श्रेणी में दिया गया है।
प्रदेश में 11 नेशनल पार्क हैं, 24 वाइल्ड लाइफ सेंचुरी हैं. यहां 6 टाइगर रिजर्व भी हैं. दुनियाभर में मध्यप्रदेश टाइगर स्टेट के रूप में पहचान बना चुका है. इससे 2.20 लाख रोजगार भी दिए जा रहे हैं. यही कारण है कि इस अवॉर्ड की रेस में शामिल दुनिया भर के सिर्फ पर्यटन के लिए पहचाने जाते देशों नार्वे, मलेशिया, स्विटजरलैंड आदि की बजाय मध्यप्रदेश को चुना गया।
खास बात यह है कि प्रदेश के गांवों की जिंदगी लोगों को सबसे ज्यादा लुभा रही है. मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड ने ग्रामीण पर्यटन कार्यक्रम पर जोर दिया और इसके लिए शुरुआत में 60 गांव चुने गए. बाद में 40 अन्य गांव भी इसमें शामिल किए गए। इसके अंतर्गत टूरिस्टों को गांव में ही रुकने की सुविधा के साथ ही शुद्ध देसी भोजन की व्यवस्था भी कराई गई।
यह प्रयोग कामयाब रहा. टूरिस्टों को बैलगाड़ी की सवारी भी कराई गई. बाहर से आए लोगों को ग्रामीण गतिविधियों भा गईं। गांव में रहकर खेती किसानी के अनुभव और ग्रामीणों की संस्कृति नजदीक से देखने के ये अनुभव लोगों ने बांटे और धीरे—धीरे इनकी ख्याति फैलने लगी. टूरिस्टों के कारण इन गांवों में रोजगार भी खासा बढ़ने लगा है।
सबसे बड़ी बात यह है कि मध्यप्रदेश में राजस्थान से ज्यादा पर्यटक आ रहे हैं. राजस्थान, पंजाब व गुजरात से करीब 3 करोड़ ज्यादा पर्यटक मध्यप्रदेश आए हैं. देश के ऐसे पांच राज्य जहां जल पर्यटन हैं उनमें भी मप्र टॉप थ्री में है। ग्रामीण पर्यटन में लाडपुरा खास गांव ने मप्र को पहला स्थान दिलाया है। फॉरेस्ट टूरिज्म में हर साल करीब दो करोड़ टूरिस्ट आते हैं। बफर जोन में नाइट सफारी शुरू करने से दुनियाभर के टूरिस्ट यहां आने लगे।
Published on:
26 Nov 2021 10:46 am
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