
Mahakal Mandir Ujjain
महाकाल मंदिर() परिसर में खुदाई में मिला 11वीं शताब्दी का शिव मंदिर एक बार फिर आकार लेगा। पंचरथी भूमिज शैली के परमारकालीन इस मंदिर की ऊंचाई करीब 48 फीट होगी। उत्खनन के दौरान पश्चिम मुखी मंदिर के 80 प्रतिशत वास्तुखंड पुरातत्व विभाग को मिले थे। दिसंबर में इसका काम शुरू होगा, इसे फिर से तैयार करने में करीब डेढ़ साल का समय लगेगा। इस पर करीब 60 लाख रुपए खर्च होंगे।
17वीं सदी में ढहाया गया था
पुरातत्वविदों के अनुसार करीब दो साल पहले स्मार्ट सिटी कंपनी की खुदाई के दौरान मंदिर के प्रमाण मिले थे। जब यहां उत्खनन किया गया था भूमि शैली का शिव मंदिर मिला। इस शैली के मंदिरों में भू से निकलते हुए प्रतीत होता है, अधिष्ठान नहीं होता। जब इस मंदिर के टूटने के कारण का पता लगाया गया तो सामने आया कि इसे 17वीं सदी के आसपास ढहाया गया था। संभवत: यह मुगल आक्रमण का शिकार हुआ था। इस मंदिर पर यह पहला हमला नहीं था, इसका पुनर्निर्माण किया गया था क्योंकि इसके कई हिस्सों पर दुरस्त करने के साथ ही चुना भी पुता मिला। यह मंदिर करीब 6.5 मीटर मलबे में दबा था। इससे अनुमान लगाया गया कि हमले के बाद इसे मलबे में दबा दिया गया था। इतनी गहराई में दबे होने से लंबे समय तक इसके बारे में किसी को जानकारी नहीं मिल पाई। यहां आसपास उत्खनन में 5 मंदिरों के अवशेष मिले थे।
स्थानीय पत्थरों से ही किया गया था निर्माण
इस मंदिर का निर्माण स्थानीय बसाल्ट पत्थरों से ही किया गया था। 20 प्रतिशत हिस्सा मिसिंग है। इसी शैली में पत्थरों को ढाल कर मंदिर को नया आकार दिया जाएगा। इसमें अंतराल और गर्भ गृह का हिस्सा मिला है। उत्खनन में जाड्य कुंभ, खुर, कपौती भाग, कर्णिका चामुंडा, अष्ठभूजी गणेश, त्रिपुरातंक नंदी प्रतिमाएं और कलश, मंजरी मंदिर के स्थापत्य भाग भी मिले हैं।
Published on:
24 Nov 2023 02:00 am
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