
महेन्द्र कपूर के बेटे और पोते ने शौर्य स्मारक में गाए सदाबहार नगमें
भोपाल। जब जब बाहर आई और फूल मुस्कुराए मुझे तुम याद आए..., बदल जाए अगर माली, चमन होता नहीं खाली... जैसे सदाबहार नगमें गुरुवार को सुनने को मिले शौर्य स्मारक के मुक्ताकाश मंच पर। मौका था स्वराज संचालनालय व संस्कृति संचालनालय द्वारा महेंद्र कपूर के जन्म दिवस के अवसर पर आयोजित भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं... कार्यक्रम का। इस अवसर पर महेंद्र कपूर के बेटे रूहान और पोते सिद्धांत ने साथी कलाकारों के साथ यादगार गीतों की प्रस्तुति दी।
अल्लाह तेरो नाम ईश्वर तेरो नाम...
कार्यक्रम की शुरुआत नीलिमा गोखले ने अल्लाह तेरो नाम ईश्वर तेरो नाम... गाने से की। इसके बाद उन्होंने जब-जब बाहर आए... और फूल मुस्कुराए, मुझे तुम याद आए... गीत पेश किया। अगली कड़ी में सागर सावरकर ने महेन्द्र कपूर का गाया गीत बहारें फिर भी आएंगी फिल्म का गीत बदल जाएं अगर माली, चमन होता नहीं खाली, बहारें फिर भी आती हैं, बहारें फिर भी आएंगी... गीत पेश किया। अगली कड़ी में महेन्द्र कपूर के साथ गा चुकीं नफी प्रधान ने हाथ आया है जब से तेरे हाथ में... गाने की प्रस्तुति दी। इसी क्रम में रूहान ने है प्रीत जहां की रीत सदा, मैं गीत वहां के गाता हूं... गाने की प्रस्तुति से उपस्थित श्रोताओं को आनंदित कर दिया।
इसके बाद रूहान ने भोपाल के ठंडी बयार के बीच इन हवाओं में, इन फिजाओं में तुझको मेरा प्यार पुकारे आजा... गीत पेश किया। कार्यक्रम में आगे बढ़ते हुए रूहान ने साहिर लुधयानवी का लिखा गीत चलो एक बार फिर से अजनबी बन जाएं हम दोनों... गाने को सुनाकर यहां श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके बाद सिंद्धात ने नीले गगन के तले, धरती का प्यार पले... गीत पेश किया। सिंद्धात ने शाम को आगे बढ़ाते हुए आप आए तो खयाले दिले नाशाद.. कितने भूले हुए जख्मों का पता याद आया गीत पेश किया। पिता रूहान ने सिंद्धात के साथ सूर मिलाया। इसके बाद रूहान ने नफी के साथ तेर संग प्यार में नहीं तोडऩा... गीत पेश किया। अंत में सभी सिंगर्स ने मिलकर मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे मोती... गीत पेश कर कार्यक्रम का समापन किया।
Published on:
09 Jan 2020 11:12 pm
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