पढ़ें ये खास खबर- झाबुआ के वर्ल्ड फैमस कड़कनाथ में बर्ड फ्लू की पुष्टि, जारी हुआ अलर्ट
धोनी ने कैंसिल किया ऑर्डर
धोनी द्वारा कड़कनाथ मुर्गे का पालन न करने का फैसला बर्ड फ्लू के चलते लिया है। इसी वजह से उन्होंने झाबुआ स्थित निजी पोल्ट्री फार्म संचालक को दो माह पूर्व दिए 2000 हजार चूजों का आर्डर को भी कैंसिल कर दिया है। झाबुआ जिले के थांदला स्थित रूंडीपाड़ा के पास एक पोल्ट्री फॉर्म में उनके आर्डर के अनुसार कड़कनाथ के चूजे पाले जा रहे थे। हालांकि, बीते मंगलवार को उन चूजों में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने पर सुरक्षा कारणों के मद्देनजर धोनी ने अपना आर्डर कैंसिल कर दिया है।
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एक किलोमीटर दायरे के सभी फॉर्म के कड़कनाथ और मुर्गा-मुर्गी किये गए डिस्पोज
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य प्रदेश समेत देश के अधिकतर सूबों में बर्ड फ्लू का खासा प्रभाव देखा जा रहा है। हालांकि, ये देश में पहला मामला है, जब झाबुआ स्थित पोएट्री फॉर्म में कड़कनाथ नस्ल के मुर्गे में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। मंगलवार को फॉर्म के कड़कनाथ में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद वहां मौजूद अन्य 926 कड़कनाथ को डिस्पोज कर दिया गया है। यही नहीं आसपास के लगभग एक किलोमीटर दायरे में आने वाले सभी मुर्गा-कड़कनाथ और अन्य पक्षियों को डिस्पोज किया जा चुका है। इस इलाके के मुर्गे-मुर्गियों को हल्का एनेस्थेसिया देकर, फिर उन्हें मारकर गहरे गड्ढे में दफनाया जा रहा है। जिला प्रशासन के निर्देश पर 15 कर्मचारियों की टीम इलाके में इस काम को बुधवार से ही पूरी मुस्तैदी के साथ कर रही है।
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लगातार हो रही चूजों की मौत
झाबुआ के पोल्ट्री फार्म संचालक विनोद को ही धोनी ने 2000 कड़कनाथ पालन का आर्डर दिया था। विनोद के मुताबिक, बीते 4 दिनों से लगातार कड़कनाथ के साथ साथ मुर्गा-मुर्गी के मरने के सिलसिला चल रहा था। बर्ड फ्लू की आशंका को देखते हुए पशु पालन विभाग को इस संबंध में जानकारी दी गई। इसके बाद मौके पर पहुंची टीम ने एक फॉर्म के एक कड़कनाथ की बर्ड फ्लू जांच की, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद तुरंत विभाग हरकत में आ गया और संक्रमण को घातक होने से बचाने के लिये फॉर्म के सभी कड़कनाथ और अन्य मुर्गा-मुर्गी को डिस्पोज करने का फासला किया। डिप्टी डायरेक्टर पशुपालन विभाग विल्सन डावर ने खुद कड़कनाथ में संक्रमण की पुष्टि की। उन्ही के निर्देशानुसार गांव के पास स्थित नाले के किनारे जेसीबी से गड्ढा कराकर चूजों को दफना दिया गया है। इसके अलावा, आगे भी आसपास के इलाकों में डिस्पोज कारर्वाई जारी है।
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