3 दिन में घटना की पूरी रिपोर्ट मांगी
स्वास्थ्य मंत्री सुजाता राठौर और उनके परिजनों से भी मिले जिनकी कल जेपी अस्पताल में फर्श पर डिलीवरी हो गई थी और उनके नवजात की मौत हो गई थी। उन्होंने अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर आई के चुघ से 3 दिन में घटना की पूरी जांच रिपोर्ट देने के लिए कहा है। इसके साथ उन्होंने अस्पताल की जरूरतों की सूची भी मांगी है। मंत्री ने अस्पताल के 11 वार्ड में जाकर निरीक्षण किया इसके साथ वे सीटी स्कैन रूम, एक्स-रे रूम आदि स्थानों के साथ बाथरूम और लिफ्ट का भी निरीक्षण किया।
फर्श पर हो गई थी डिलेवरी
गौरतलब है कि एक दिन पहले जेपी अस्पताल में एक गर्भवती महिला की फर्श पर ही डिलेवरी हो गई थी। उसे लेबर रूम तक पहुंचाने के लिए व्हील चेयर तक नहीं मिली थी। ऐसे में उसका पति गोद में उठाकर ऊपरी माले पर स्थित लेबर रूम ले जा रहा था। उसी समय उसे तेज दर्द हुआ और फर्श पर बच्चे का जन्म हो गया। प्रीमेच्योर बेबी होने के चलते नवजात की मौत हो गई थी। वहीं जेपी अस्पताल में ही एक महिला की डिलेवरी टॉयलेट में हो गई।
बच्चे की हुई मौत
महिला का फर्श पर प्रसव होने के बाद उसके परिजनों ने जमकर हंगामा किया। इसके करीब 15 मिनट बाद ड्यूटी डॉक्टर शिखा गुप्ता वहां पहुंची। उन्होंने बताया कि समय से पहले प्रसव होने के कारण नवजात की मौत हो गई थी। महिला को 27 सप्ताह का गर्भ था।
टॉयलेट में हुई डिलेवरी
जेपी अस्पताल में ही एक महिला ने कल टॉयलेट में बच्चे को जन्म दिया था। प्राप्त जानकारी अनुसार भीम नगर निवासी सुमित्रा बाई को आशा कार्यकर्ता और उनकी सास जेपी अस्पताल लेकर पहुंची थी। नर्स ने आशा कार्यकर्ता से भर्ती के पर्चे बनवाने के लिए भेज दिया था, महिला टायॅलेट के लिए बाथरूम में पहुंची, जहां उसे तेज दर्द हुआ था। जब एक अन्य महिला सरोज बाई टॉयलेट करने गई तो उन्हें सुमित्रा जमीन पर पड़ी मिलीं, उन्होंने तुरंत इसकी सूचना नर्सों को दी, इसके बाद महिला को वार्ड में शिफ्ट किया गया था।
सीएमएचओ के सामने उजागर हुई लापरवाही
जब सुमित्रा का प्रसव टॉयलेट में हुआ तब सीएमएचओ डॉ. एनयू खान अस्पताल का राउंड ले रहे थे। उनके सामने ही यह घटना घटी। सीएमएचओ ने स्टॉफ नर्स और डॉक्टर को तुरंत बुलाया, तब तक अस्पताल अधीक्षक आईके चुघ भी मौके पर पहुंच चुके थे। डॉक्टरों ने महिला को टॉयलेट से उठाकर लेबर वार्ड में भर्ती कर दिया है। सीएमएचओ ने बताया कि महिला और बच्ची दोनों स्वस्थ हैं।