मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने यह बातें हिंदी दिवस (14 September) पर
भोपाल के रवींद्र भवन में आयोजित राष्ट्रीय हिंदी अलंकरण समारोह में कहीं। उन्होंने विपक्ष में किसी का नाम लिए बिना कहा कि जो हिन्दी में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई को असंभव बताते थे, उनके लिए विभिन्न विषयों की हिन्दी में पढ़ाई संबंधी पाठ्यक्रम और जारी पढ़ाई उदाहरण है।
ईश्वर ऐसे लोगों को सद्बुद्धि और सद्गति दें। सीएम ने कहा कि राष्ट्र के लिए यह गौरव की बात है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अंग्रेजी जानने के बावजूद कई देशों के प्रमुखों से हिन्दी में बात करते हैं। यह हिन्दी के वैभव को बढ़ाने का सबसे बड़ा उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि
एमपी में हर दृष्टि से हिन्दी का संरक्षण करेगा। इसमें कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
हम थूका हुआ खाने के आदी हो गए: मंत्री लोधी
उधर राज्य मंत्री ( स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र सिंह लोधी ने कहा कि हम फूंका हुआ, थूका हुआ खाने के आदी होते जा रहे हैं। यह अंग्रेजी पढऩे का नतीजा है। पहले जन्मदिन पर मंदिरों में जाते थे। अंधकार से प्रकाश की ओर जाने की कामना के साथ दीपक जलाते थे। अब उल्टा हो रहा है। स्कूल से लौटने के बाद कुछ बच्चे और अभिभावक जन्मदिन पर केक काटते हैं। मोमबत्तियां जलाने के बाद फूंक मारकर बुझाते हैं, फिर उसी केक को हम हंसते हुए खाते हैं। यह चलन ठीक नहीं। उन्होंने अपील की, हिन्दी बोलें, हिन्दी लिखें, हिन्दी में काम करें, ताकि हिन्दी को प्रोत्साहन मिलता रहे।