MP News: लोक परिवहन सेवाओं को जमीन पर उतारने से जुड़े पहले चरण के सर्वे का काम परिवहन विभाग ने इंदौर व उज्जैन संभाग में लगभग पूरा कर लिया है। अब यहां चिह्नित किए गए मार्गों को फाइनल किया जा रहा है।
MP News: लोक परिवहन सेवाओं को जमीन पर उतारने से जुड़े पहले चरण के सर्वे का काम परिवहन विभाग ने इंदौर व उज्जैन संभाग में लगभग पूरा कर लिया है। अब यहां चिह्नित किए गए मार्गों को फाइनल किया जा रहा है। उधर आठ परिवहन कंपनियों के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मार्गों पर रिहर्सल पूरी होते व कंपनियों के अस्तित्व में आते ही टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। प्रयास है कि बारिश से पहले इंदौर व उज्जैन जिले की सड़कों पर लोक परिवहन सेवाओं से अनुबंधित यात्री बसें दौड़ने लगें।
बसों(MP Government bus) के रूट को चिह्नित करने के लिए अगले चरण के सर्वे का काम जबलपुर व सागर संभागों के जिलों में शुरू होगा। यह मई के अंत तक शुरू हो जाएगा। इसके लिए एजेंसी तय कर दी है। इन संभागों में सर्वे का फोकस सबसे पहले परिवहन सेवा विहीन क्षेत्रों पर होगा।
1. परिवहन विभाग अब तक सीमित क्षेत्रों में ही सर्वे करा रहा था, अब इसका दायरा बढ़ा दिया है।
2. कंपनी एक्ट के तहत कंपनियों के गठन की प्रक्रिया का जिम्मा अलग अफसरों को सौंपा है।
3. निष्क्रिय पड़े सड़क परिवहन निगम की संपत्तियों को नए सिरे से खंगाला जा रहा है, ताकि मुख्यमंत्री सुगम लोक परिवहन सेवाओं के तहत उपयोगी बनाया जा सके।
4. कंपनियों के लिए ऑर्गनाइजेशन स्ट्रक्चर का खाका तैयार करेंगे।
5. सुझाव लेने संबंधी प्रक्रिया लगातार जारी है, ताकि नई व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाया जा सके।
6. सर्वे में बस ऑपरेटरों से फीडबैक लिया जा रहा है, यात्रियों से उनकी राय पूछी जा रही है ताकि जिन मार्गों को चिह्नित किया जा रहा है या किया जाना है उन पर वस्तु स्थिति साफ हो सके।
7. इसी पूरी व्यवस्था में जिला स्तरीय समितियों का गठन होना है, इसकी तैयारी शुरू कर दी है।
8. सिटी ट्रांसपोर्ट कंपनियों की चल-अचल संपति, नई गठित की जाने वाली कंपनियों को दी जाएगी। इस दिशा में भी काम शुरू किया है।
9. मौजूदा सिटी बस कंपनियों के कार्यालय भवन का उपयोग नवीन सहायक कंपनियां करेंगी।
जिला स्तर पर समितियां होंगी, समन्वयक कलेक्टर होंगे, सांसद, विधायकगण, महापौर, नगर पालिका, जिला पंचायत, नगर परिषद, जनपद पंचायत के अध्यक्ष, आयुक्त नगर निगम, जिला व जनपद पंचायतों के सीईओ, नपा के सीएमओ, पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन यंत्री, जिला परियोजना अधिकारी, जिला शहरी विकास अभिकरण व कार्यपालन यंत्री, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा रह सकेंगे।
असल में जिला स्तरीय निगरानी समितियों को यात्रियों की सुविधाओं का ध्यान रखना होगा। जिसमें मुख्य काम अभी मार्गों को फाइनल करने से जुड़ा है। इन मार्गों में बदलाव भी संभव है, लेकिन यह बात का विषय है। इसके अलावा स्टापेज, बस फ्रीक्वेंसी, आईटी प्लेटफार्म का सुचारु संचालन, साधारण एवं ग्रामीण मार्गों पर बस स्टॉप, चार्जिंग स्टेशन के निर्माण संबंधी सुझाव।