पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने मंगलवार को ट्वीट कर अपनी चिंता जाहिर की है। कमलनाथ ने कहा है कि विपक्ष के नेताओं पर दबाव बनाकर उन्हें चुनाव लड़ने से रोकना लोकतंत्र और संविधान की मूल भावना के खिलाफ है।
कमलनाथ ने कहा कि हमारे संविधान ने निर्वाचन प्रणाली में जनता को सर्वोपरी स्थान दिया है, लेकिन प्रमुख विपक्षी दल के प्रत्याशी को ही यदि चुनाव मैदान से हटा दिया जायेगा, तो निर्वाचन प्रक्रिया में जनता का ही महत्व समाप्त हो जाएगा।
पूर्व सीएम ने कहा कि सभी को चुनाव लड़ने और सभी को मतदान करने का अधिकार हमारे संविधान द्वारा प्रदत्त सर्वश्रेष्ठ अधिकार है, इसकी हमेशा रक्षा होनी चाहिए। संविधान और लोकतंत्र की रक्षा होनी चाहिए।
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इससे पहले सोमवार को भी ट्वीट करके कमलनाथ ने कहा था कि आज इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन जिस तरह से वापस कराया गया, वह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए बहुत बड़ा ख़तरा है। इससे पहले खजुराहो में सपा प्रत्याशी का नामांकन ख़ारिज होना और सूरत में निर्विरोध निर्वाचन हम देख चुके हैं। साफ़ दिख रहा है कि सत्ता का दुरुपयोग, दबाव और प्रलोभन अपने पूरे चरम पर है। मैं कांग्रेस के सच्चे कार्यकर्ताओं से अपील करता हूँ कि यह समय संघर्ष करने का है। संघर्ष से ही विजय सुनिश्चित होगी। जनता इस बेईमानी को देख रही है और बेईमानों को दंडित करेगी।