विधानसभा चुनाव के बाद सरकार का काम-काज पटरी पर आया तो लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई। ऐसे में अधिकारी-कर्मचारियों के तबादले नहीं हो सके, जबकि प्रतिबंध हटाने की मांग कर्मचारी लंबे समय से कर रहे हैं। अब जबकि चुनाव आचार संहिता समाप्त होने वाली है, ऐसे में तबादलों के इच्छुक कर्मचारियों की उमीदें बढ़ गई हैं।
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सूत्रों का कहना है कि तबादलों से प्रतिबंध लबे समय के लिए नहीं हटेगा, क्योंकि एक जुलाई से विधानसभा सत्र शुरू हो रहा है। स्कूलों की अवकाश भी समाप्त हो रहे हैं। ऐसे में जून माह में ही तबादले होने की संभावना है। सत्र के पहले सरकार भी प्रशासनिक सर्जरी चाहती है। इसमें कई जिलों के कलेक्टर, एसपी सहित अन्य अफसरों के बदले जाने की संभावना है।
चुनाव ने रोक दिए थे
प्रदेश में चुनाव के लिए मतदाता सूची तैयार करने के लिए कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही चुनाव कार्य से जुडे़ अधिकारी-कर्मचारियों के तबादलों पर रोक लग गई थी। ऐसे में सरकार चाहते हुए भी तबादले नहीं कर पाई। इस अवधि में केवल उन्हीं अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादले हुए जो प्रशासकीय दृष्टि से अति आवश्यक थे। या फिर निर्वाचन आयोग की अनुमति से किए गए।