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मध्यप्रदेश में नए जिलों को लेकर क्या है अपडेट, पढ़े पूरी खबर

MP News: मध्यप्रदेश में नए जिलों को बनाने के लिए आए दिन तेजी से मांग उठ रही हैं। कहीं आंदोलन तो कहीं ज्ञापन के माध्यम से जिले बनाने की मांग हो रही है।

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MP News: मध्यप्रदेश में नए जिले, संभाग और तहसील बनाने की तेजी से मांग उठ रही है। सरकार की ओर से पुनर्गठन आयोग भी नियुक्त कर दिया गया है। जो कि प्रदेश के संभाग और जिलों में कलेक्टर के साथ बैठकें करके नए सिरे से सीमांकन की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं। एमपी में मैहर, मऊगंज और पांढूर्णा के जिला बनाने के बाद से ही कई इलाकों में तेजी से उठ रही है।

दूसरा सबसे बड़ा राज्य है मध्यप्रदेश


देश का सबसे बड़ा दूसरा राज्य मध्यप्रदेश है। तीन जिलों के अस्तित्व में आने से यहां पर लगातार जिला, तहसील और ब्लॉक बनाने की मांग उठ रही है। सीएम मोहन यादव ने अपने बयान में कहा था कि हमने सरकार बनाई थी तो इस बात ध्यान दिया कि भौगोलिक दृष्टि से भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य मध्यप्रदेश है। क्षेत्रफल तो बड़ा है, लेकिन समय के साथ उसमें कुछ कठिनाइयां भी हैं। जिले तो बढ़ गए हैं, लेकिन सीमाओं को लेकर विसंगतियां हैं।

भौगोलिक दृष्टि 6 तहसीलें बन सकती हैं जिला


अगर भौगोलिक दृष्टि से देखा जाए तो बीना, चाचौड़ा, खुरई, जुन्नारदेव, लवकुशनगर और मनावर को जिला बनाने की मांग उठ रही है।

  • बीना को जिला बनाने की मांग पिछले 40 साल से हो रही है। विधायक निर्मला सप्रे ने बीना को जिला बनाने की मांग को लेकर बीजेपी ज्वाइन की थी, लेकिन खुरई को भी जिला बनाने की लॉबिंग होने लगी। बता दें कि, बीना की सागर से दूरी लगभग 75 किलोमीटर है। अगर बीना नया जिला बनता है तो खुरई, बीना, मालथौन, कुरवाई, पठारी, बांदरी जैसी जगहें शामिल हो जाएंगी।
  • तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कैबिनेट बैठक में चाचौड़ा को जिला बनाने की मंजूरी दे दी थी। क्योंकि गुना से चाचौड़ा की दूरी 70 से 75 किलोमीटर है। जिस वजह से लोगों को जिला मुख्यालय पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
  • खुरई को जिला बनाने की कई आंदोलन हुए, कई वादे हुए। मगर जिले की मुहर न लग पाई। विधायक भूपेंद्र सिंह शिवराज सरकार में मंत्री पद संभाल रहे थे। इसके बावजूद वह खुरई को जिला के अस्तित्व में नहीं ला पाए।
  • जुन्नारदेव को जिला बनाने के फैसल पर लगभग मुहर लग ही चुकी थी कि कई और तहसीलों के जिला बनाने की मांग तेज हो गई। राजस्व विभाग की ओर आयोग गठित करने के लिए प्रस्ताव भेज भी दिया गया था, लेकिन इसके बाद पुनर्गठन आयोग का गठन कर दिया गया।
  • छतरपुर जिले में लवकुश नगर की दूरी 60 किमी है। स्थानीय लोग, व्यापारी वर्ग लगातार कई सालों से जिला बनाने के लिए आंदोलन करते आ रहे हैं। ताकि इस क्षेत्र का विकास हो सके।
  • धार से मनावर की दूरी 73 किलोमीटक है। इसके जिला बनाने की मांग विधायक डॉ. हीरालाल अलावा ने सीएम से मुलाकात की थी। उनकी मांग थी कि गंधवानी, धरमपुरी, कुक्षी और डही तहसीलों को जोड़कर मनावर को नया रूप दिया जाए।

कैसे अस्तित्व में आएंगे जिले?


सूत्र बताते हैं कि नए जिलों को अस्तित्व में लाने के लिए भौगोलिक स्थिति और जनसंख्या को मुख्य आधार बनाया जाएगा। कई तहसीलें ऐसी हैं जो कि जिला मुख्यालय से काफी दूर हैं और दूसरे जिले की सीमा से लगी हुई हैं। जनसंख्या के हिसब से नई तहसीलें बनाई जाएंगी। इसके लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भेजे जाएंगे।