
भोपाल. साध्वी प्रज्ञा की छवि कट्टर हिंदूवादी नेत्री की है। लेकिन ईद के दिन साध्वी प्रज्ञा ने जो किया है, उससे सभी लोग अचंभित रह गए। भोपाल की नवनिर्वाचित सांसद साध्वी प्रज्ञा शहर की गंगा-जमुनी तहजीब को बचाने की कोशिश की है। साथ ही साध्वी प्रज्ञा के ईद के दिन वाले कदम से लगा कि वह अपनी पुरानी छवि से बाहर निकलना चाहती हैं।
बयानों से आग बरसाने वाली साध्वी प्रज्ञा बुधवार को ईद के दिन देर शाम शहर के काजी के घर ईद की बधाई देने पहुंचीं। इस दौरान साध्वी वहां मिठाई लेकर भी गईं थीं। सांसद बनने के बाद यह पहला मौका है जब साध्वी प्रज्ञा ठाकुर मुसलमानों के घर पहुंचीं।
शाम को गईं काजी के घर
ईद का त्यौहार खुशियों का त्यौहार है। लोग एक-दूसरे से मिल खुशियां बांटते हैं। इस मौके पर भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा कैसे चुकतीं। शाम को मीडिया के सामने वह आईं और बोलीं कि मेरी तबियत खराब है, इसलिए सुबह नहीं जा पाई लेकिन शाम को मैं शहर काजी के घर जाऊंगी। साध्वी प्रज्ञा शाम में शहर काजी सैय्यद मुश्ताक अली नदवी के घर पहुंचीं और ईद की मुबारकवाद दीं। इसके साथ ही वह शहर काजी के परिवार के सभी सदस्यों का मुंह मीठा करवाया।
शहर काजी ने खुशी जाहिर की
वहीं, शहर काजी के घर साध्वी प्रज्ञा को देख सभी लोग अचंभित थे। साध्वी के घर आने से शहर के काजी भी खुश नजर आएं। उन्होंने कहा कि खुशी के मौके पर वह आईं जो अच्छा कदम है, और अब उनके साथ मिलकर भोपाल की बेहतरी के लिए काम करना है।
छवि बदलना चाहती हैं साध्वी?
साध्वी प्रज्ञा मालेगांव ब्लास्ट की आरोपी हैं। उन पर मुस्लिम विरोधी होने के आरोप लगते रहे हैं, कई बार वो इस तरह की बयान भी दे चुकी हैं। शायद अब सांसद बनने के बाद वह अपनी पुरानी छवि को बदलना चाहती हों। लोगों को भी लगता है कि साध्वी अब धर्मगुरु नहीं सांसद हैं। अब उन्हें सबको साथ लेकर चलना होगा।
नाथूराम गोडसे को बताया था देशभक्त
पिछले दिनों विवादित बयानों की वजह से साध्वी प्रज्ञा काफी चर्चा में थीं। उन्होंने गांधी जी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बता दिया था। बाद में माफी तो उन्होंने मांग ली थी लेकिन पार्टी की अनुशासन समिति ने उनसे जवाब मांगा था। साध्वी ने मंगलवार को कहा था कि मैं जवाब भेज दी हूं। अब पार्टी के अनुशासन में रहकर नियमों का पालन करूंगी।
Published on:
06 Jun 2019 12:03 pm
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