ऐसा पहली बार है जब मध्य प्रदेश में किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार भैसें खरीदने का प्रोजेक्ट लॉन्च करने जा रही है। बता दें कि, मौजूदा समय में देश के सिर्फ तेलंगाना राज्य में ही सरकार द्वारा किसानों की आय वृद्धि के लिए भैंसों की खरीदी कर रही है। भैंसों के जरिए किसानों की आय बढ़ाने वाला मध्य प्रदेश देश का दूसरा राज्यो होगा। आपको बता दें कि, मुर्रा भैंस सामान्य तौर पर 12 से 15 लीटर दूध रोजाना देने में सक्षम होती है, जबकि, एक सामान्य देसी भैंस सिर्फ 5 से 7 लीटर दूध ही दे पाती है।
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एससी-एसटी के किसानों को 75 फीसदी की छूट
इस संबंध में पशुपालन विभाग की ओर से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मुर्रा भैंस की कीमत एक से सवा लाख के बीच होती है। जिसके लिए सामान्य वर्गके किसान को तो 50 पीसदी राशि का भुगतान करके भैंस मुहैय्या करा दी जाएगी। वहीं, एससी-एसटी वर्ग के किसानों को सरकार की ओर से विशेष राहत देते हुए 75 फीसदी राशि सरकार द्वारा भुगतान करने की बात कही गई है। यानी एससी-एसटी के किसान को मात्र भैंस की कुल कीमत की 25 फीसदी शेष राशि का ही भूगतान करना होगा।
तीन साल में भैस मरी तो दूसरी मिल जाएगी
इसके अलावा, सरकार हितग्राही को भैंस गर्भवती करने के लिए सेक्स सार्टेड सीमन भी उपलब्ध कराएगी। ये सीमन भी मुर्रा बुल का ही होगा, ताकि उनकी प्रजाति में किसी तरह की छेड़छाड़ न हो। साथ ही, इसकी एक विशेषता ये भी रहेगी कि, इस सीमन के माध्यम से फीमेल भैंस ही पैदा होगी, जिससे संबंधित हितग्राही जल्द ही अपनी डेयरी स्थापित कर सकेंगे। इस दौरान हितग्राही को कम से कम पांच साल अपने पास भैंस रखनी होगी। ऐसे में सरकार की तरफ से एक बड़ी सौगात ये भी है कि, अगर तीन साल के भीतर भैंस मरती है तो सरकार किसान को दूसरी भैंस उपलब्ध कराएगी।
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हर हितग्राही को कम से कम दो भैंसे लेनी होंगी, किसान को ही होगा इसका फायदा
योजना के तहत सरकार हितग्राही को एक बार में दो मुर्रा भैंसे ही मुहैय्या कराएगी। इसका फायदा किसानों के लिए ही होगा। हितग्राही को फायदा ये होगा कि, एक भैंस लगभग 5 महीने की प्रेगनेंट रहेगी, जबकि दूसरी भैंस का करीब एक महीने का बच्चा होगा। यानी दो में से एक किसान के लिए हर समय दूध देने के योग्य होगी। बता दें कि, भैंस का प्रेग्नेंसी पीरियड 10 माह का होता है। इस हिसाब से ऐसा क्रम बनेगा कि, एक भैंस किसान को दूध मुहैय्या कराने के लिए तैयार रहेगी।
छह महीने का चारा भी मिलेगा, तीन साल का बीमा
मप्र पशुधन विकास निगम के एमडी डॉ. एचबीएस भदौरिया ने बताया कि, संबंधित किसानों को भैंस को खिलाने के लिए 6 महीने का दाना-चारा भी मिलेगा, ताकि उसे किसी तरह की समस्या न हो। उन्होंने बताया कि, दो भैंसे करीब ढाई लाख रुपए की होंगी। इसके अलावा भैंस का बीमा, ट्रांसपोर्ट और चारा भी सरकार द्वारा ही मुहैय्या कराया जाएगा।इसमें से किसान को सिर्फ 62,500 रुपए देना होंगे। शेष 1,87,500 रुपए की सब्सिडी मिलेगी। इससे दूध उत्पादक किसानों की आय बढ़ेगी। वे इसका घी-दूध बेच सकेंगे। फिलहाल, संभावना है कि, प्रदेश के तीन जिलों में ये प्रोजेक्ट अगस्त 2022 से शुरू हो जाएगा।
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