scriptभोपाल स्टेशन की रैंकिंग में सुधार तो अधूरे प्रोजेक्ट की है चुनौती | New DRM Uday Borwankar of the Railway Board took charge | Patrika News

भोपाल स्टेशन की रैंकिंग में सुधार तो अधूरे प्रोजेक्ट की है चुनौती

locationभोपालPublished: Apr 26, 2019 01:59:17 am

Submitted by:

Bharat pandey

नए डीआरएम उदय बोरवणकर बोले-अभी कोई लक्ष्य तय नहीं किया है, कामकाज को समझना प्राथमिकता

DRM Uday Borwankar

DRM Uday Borwankar

भोपाल। रेल मंडल के नवागत डीआरएम उदय बोरवणकर ने गुरुवार को पदभार संभाल लिया। पूर्व डीआरएम शोभन चौधुरी ने उन्हें यह चार्ज दिया। इस दरमियान पत्रिका से हुई बातचीत में डीआरएम बोरवणकर ने कहा कि अभी मंडल के कामकाज को समझना उनकी प्राथमिकता है। सभी विभाग महत्वपूर्ण हंै, इसलिए एक-एक कर सब के बारे में जानकारी लेंगे। गौरतलब है कि बोरवणकर भले ही अभी अपनी प्राथमिकता नहीं तय कर पाए हैं, लेकिन पत्रिका ने पड़ताल में पाया कि उनके सामने मंडल में छह से ज्यादा काम चुनौती के रूप में हंै। ये अगामी दो साल के कार्यकाल में उनकी प्रशासनिक क्षमताओं की परीक्षा लेंगे।


भोपाल स्टेशन की ही यदि बात करें तो प्लेटफार्म नंबर एक को छोडक़र अन्य प्लेटफार्म में यात्रियों के बैठने तक की पर्याप्त सुविधा नहीं है। महिला और पुरुष यात्रियों के लिए स्टेशन पर टॉयलेट कम हैं। आपाधापी में स्टेशन पर कई दुर्घनाएं तक हो चुकी हैं। अवैध वेंडरिंग भी यहां समस्या है। भोपाल स्टेशन ट्रेनों के बोझ से ओवरलोड हो चुका है। भोपाल मंडल में रेलवे ट्रैक पर 130 प्रतिशत बोझ है।

प्रशासनिक क्षमताओं की परीक्षा लेंगे ये काम
– 18 महीने में नई बिल्डिंग का काम पूरा करना
स्टेशन पर बन रही नई बिल्डिंग को तय समय में पूरा कराना। इसका काम शुरू हो चुका है। अगले 18 माह में निर्माण कार्य पूरा करने समय निर्धारित किया गया है। यानी जून 2020 इसे पूरा करना है।


– भोपाल स्टेशन की रैकिंग में सुधार
दो साल पहले देश के दूसरे सबसे गंदे स्टेशन का धब्बा भोपाल स्टेशन पर लगा था। गत वर्ष की रैकिंग में सुधार हुआ, लेकिन देश के 19वें साफ शहर के स्टेशन की रैकिंग 75 ए-1 कैटेगिरी स्टेशन में 30वीं है।


– कुछ कर्मचारियों के कारण छवि खराब
डीआरएम कार्यालय में पिछले कुछ माह में सामने आए प्रकरणों से लगता है कि यहां पर कुछ कर्मचारियों ने एक कॉकस बना लिया है जो कि लंबे समय से गंभीर भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। इसमें एक कर्मचारी ने तो साथियों को 16 लाख रुपए अतिरिक्त बांट दिए।


थर्ड रेल लाइन का काम
बरखेड़ा से बुदनी तक के 22 किमी के रेल मार्ग का तीहरीकरण है। 1000 करोड़ के प्रोजेक्ट वाला यह काम जंगल और पहाड़ी क्षेत्र होने से बहुत कठिन है। 2023 तक पूरा करना है।

 

 

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