खरीफ के लिए जहां सोयाबीन, मूंगफली, तिल, रामतिल, मक्का, मूंग, उड़द, तुअर को शामिल किया गया था, वहीं रबी फसलों के लिए चना, मसूर, सरसों और प्याज को शामिल किया जाएगा। योजना का प्रारंभिक प्रारूप तैयार हो गया है। सरकार ने रबी सीजन 2017-18 के लिए भी प्रारूप तैयार किया है, जिसमें दलहनी फसलों में चना और मसूर तथा तिलहनी फसलों में सरसों को शामिल किया है। इन फसलों के लिए किसानों को एक फरवरी से 28 फरवरी 2018 तक योजना के पोर्टल पर पंजीयन किया जाएगा। योजना के तहत किसान को मध्यप्रदेश का मूल निवासी होने के साथ लाभार्थी का पंजीयन भावांतर भुगतान योजना के पोर्टल पर दर्ज कराना अनिवार्य है।
विक्रय की अवधि और गणना वाले राज्य
जानकारों के मुताबिक रबी की फसलों के भावांतर भुगतान योजना के लिए विक्रय की अवधि एक मार्च से 31 मई तक होना चाहिए। चना के लिए राजस्थान और महराष्ट्र, मसूर के लिए उत्तरप्रदेश और बिहार, सरसों के लिए राजस्थान और हरियाणा तथा प्याज के लिए महाराष्ट्र और कर्नाटक राज्य की विक्रय दर की गणना होगी।
एक से 50 रुपए तक के भाव
गत वर्ष सीजन पर प्याज के भाव गिरकर एक रुपए किलो तक आ गए थे। वहीं, कुछ दिनों पहले तक प्याज के भाव रिटेल में 50 रुपए तक पहुंच गए थे। वर्तमान में 30 से 40 रुपए प्रति किलो प्याज का विक्रय हो रहा है।
चना, मसूर और सरसों के साथ प्याज को भावांतर भुगतान योजना में शामिल करने की योजना है। इस पर गुरुवार को उच्चस्तरीय बैठक में निर्णय लिया जा सकता है।
-अमर सेंगर, अपर संचालक, मंडी बोर्ड (मप्र)