
भोपाल. वन विभाग अपने ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट को राष्ट्रीय स्तर की पहचान देने की तैयारी में है। इंस्टीट्यूट में एसडीओ और राज्य वन सेवा के अफसरों को भी ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए मुख्यालय में पदस्थ अधिकारियों को भी लेक्चर देना पड़ेगा। इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग होगी। अधिकारी संस्थाओं में जाकर या ऑनलाइन कक्षाएं भी ले सकेंगे।
दरअसल, इंस्टीट्यूट के लिए मॉड्यूल बनाया गया है, इसकी कॉपी इन संस्थाओं को भी भेजी गई है। अब तक इंस्टीट्यूट में वन सुरक्षाकर्मियों से लेकर रेंजरों को ट्रेनिंग दी जाती है। मप्र में वन विभाग के नौ ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट हैं। मॉड्यूल के अनुसार अब सभी लेक्चर की रिकॉर्डिंग होगी।
हर महीने ट्रेनिंग और रिफ्रेशर कोर्स
जानकारी के मुताबिक प्रदेश के इन ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में अधिकारियों को हर महीने ट्रेनिंग और रिफ्रेशर कोर्स कराया जाएगा। इसके माध्यम से अधिकारियों को विभाग के नियमों और कानूनों से रूबरू कराया जाएगा। समय-समय पर परीक्षाएं, मूल्यांकन और समय परइनके परिणाम जारी किए जाएंगे। संस्थाओं को' अपग्रेड करने की प्रक्रिया की ऑनलाइन मॉनिटरिंग मुख्यालय से की जाएगी।
प्रदेश में यहां हैं इंस्टीट्यूट
मध्य प्रदेश के बालाघाट. अमरकंटक,बैतूल, सिवनी,झाबुआ, पचमढ़ी, बांधवगढ़, रीवा, लखनादौन में वन प्रशिक्षण संस्थान संचालित हैं।
वन विभाग के एपीसीसीएफ विभाष ठाकुर ने बताया कि संस्थाओं में प्रशिक्षण का मॉड्यूल बनाने से लेकर उनमें निर्धारित लेक्चर लेने की योजना तैयार की गई है। लेक्चर की वीडियो रिकॉर्डिंग होगी। तय मॉड्यल के हिसाब से लेक्चर किए गए हैं।
Published on:
25 Aug 2021 09:16 am
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