संक्रमण का खतरा सभी को बराबर
इन छात्रों का कहना है कि परीक्षा को लेकर बनाए गए नियम विरोधाभाषी हैं। एक ही विश्वविद्यालय में दो मापदंड अपनाए जा रहे हैं। इनको पारंपरिक तरीके से पेन पेपर सिस्टम के माध्यम से ऑफलाइन परीक्षा कराने का निर्णय लिया है। जबकि यूजी के पहले, दूसरे वर्ष की वार्षिक और पीजी के दूसरे व तीसरे सेमेस्टर की परीक्षा ओपन बुक सिस्टम के माध्यम से कराई जाएगी। छात्रों का कहना है कि संक्रमण का खतरा सबको बराबर है। वह किसी को कोर्स व उनका वर्ष देखकर नहीं लगेगा। ऑफलाइन परीक्षा देने कॉलेजों में बने सेंटर पर परीक्षा देने जाना होगा। इससे उनके साथ परिजनों को भी खतरा हो सकता है।
इसलिए लिया ऑफलाइन परीक्षा कराने का निर्णय
अधिकारियों का कहना है कि यह निर्णय गुणवत्ता को देखते हुए लिया गया है। विभिन्न राज्यों में परीक्षा ऑफलाइन मोड से ही आयोजित कराने का निर्णय लिया है। कई राज्यों में पिछले वर्ष भी ऑफलाइन मोड से परीक्षा हुई। वहीं अंतिम वर्ष और अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा नहीं होने से छात्रों को बाहरी राज्यों में नौकरी लेने में परेशानी आ सकती है।
शासन के निर्देशानुसार परीक्षा कराने की तैयारी की जा रही है। छात्रों के ज्ञापन मिले हैं। लेकिन इस संबंध में विवि स्तर पर कार्रवाई नहीं की जा सकती। यह परीक्षा मई के पहले या दूसरे सप्ताह में आयोजित की जा सकेंगी।
डॉ. एचएस त्रिपाठी, रजिस्ट्रार, बीयू