मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटवा की मुश्किलें अब बढ़ गई हैं। पांच साल पहले सुरेंद्र पटवा ने इंदौर की बैंक से 36 करोड़ रुपए का लोन लिया था। इसके बाद थोड़ दिन तो वे किस्तें चुकाते रहे, लेकिन कुछ समय बाद लोन की किस्त चुकाना बंद कर दी। बैंक के कई बार नोटिस देने के बावजूद उन्होंने अब तक बैंक का लोन नहीं चुकाया है। बैंक ने सुरेंद्र पटवा को जानबूझकर लोन नहीं चुकाने पर विलफुल डिफाल्टर घोषित कर दिया था।
कलेक्टर ने जारी किए आदेश
इंदौर के कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव की कोर्ट ने शुक्रवार को पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटवा की गिरवी रखी संपत्ति कुर्क करने के आदेश जारी कर दिए। कोर्ट का कहना है कि गिरवी रखी गई संपत्ति को तुरंत बैंक को सौंप दी जाए। इस संबंध में कोर्ट ने मेसर्स पटवा ऑटोमोटिव प्राइवेट लिमिटेड, लसूड़िया मोरी देवास नाका और जमानतदार मेसर्स स्टार सिटी कंस्ट्रक्शन, सुरेंद्र पटवा, मोनिका पटवा, भरत पटवा, महेंद्र पटवा और फूलकुंवर बाई पटवा को संपत्ति को तुरंत बैंक को सौंपने के आदेश दिए।
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यह है पूरा मामला
-15 सितंबर 2014 को पटवा ने बैंक से 36 करोड़ का लोन लिया था।
-किस्ते नहीं चुकाई तो बैंक ने 2 मई 2017 को यह मामला एनपीए में डाल दिया।
-जुलाई 2017 को 33.45 करोड़ रुपए चुकाने के लिए पहला नोटिस जारी हुआ था।
-फिर भी लोन नहीं चुकाने पर बैंक ने कलेक्टर कोर्ट में आवेदन दिया था।
-सुनवाई के बाद मामला डीआरटी में गया।
-डीआरटी ने लोन चुकाने के लिए कुछ मोहलत दे दी थी।
-इसके बावजूद भी पटवा एवं उनके परिवार ने लोन नहीं चुकाया।
-इसके बाद कंपनी ने पटवा को जानबूझकर लोन नहीं चुकाने पर विलफुल डिफाल्टर घोषित कर दिया था।