शरद जब दो साल के थे उसी समय वह बाएं पैर से पोलिया के शिकार हो गए थे। तीन साल की उम्र में ही उनका नामांकन दार्जिलिंग के सेंट पॉल आवासीय स्कूल में कर दिया गया। 29 वर्षीय शरद ने पत्रिका को बताया कि मैं दिल्ली में अभ्यास कर रहा था। लेकिन भोपाल के वैदर और यहां की फैसिलिटी के बारे में कई खिलाडिय़ों से सुना था। यहां का नया ट्रैक इंडिया के बेस्ट टै्रकों में गिना जाता है। इसलिए यहां अपने कोच के साथ ट्रेनिंग ले रहा हूं। यहां अच्छा सपोर्ट मिल रहा है। साथ ही यहां की इंटरनेशनल लेवल की फैसिलिटी और ट्रैक मुझे पसंद आ रहा है। वे यहां से 26 अगस्त को टोक्यो के लिए रवाना होंगे।
एक दिन में चार घंटे कर रहे अभ्यास
वे टीटी नगर स्टेडियम में अपने कोच के साथ दोपहर एक से लेकर पांच बजे तक तैयारी करते हैं। इस दौरान तकनीक और फिटनेस लेवल पर काम कर रहे हैं। खेल विभाग ने इनके लिए अगल से स्टाफ की व्यवस्था भी की है। वे लंच और डिनर भी स्टेडियम की मेस में ही कर रहे हैं।
नए रिकॉर्ड से जीता था सोना
शरद कुमार ने पुरुषों की ऊंची कूद स्पर्धा में 2018 एशियाई पैरा खेलों में दो नए रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता था। फिर विश्व चैंपियनशिप में इस खिलाड़ी ने ऊंची कूद में 1.90 मीटर की कूद के साथ एशिया और इन खेलों का रिकार्ड बनाया।
नए रिकॉर्ड से जीता था सोना
शरद कुमार ने पुरुषों की ऊंची कूद स्पर्धा में 2018 एशियाई पैरा खेलों में दो नए रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता था। फिर विश्व चैंपियनशिप में इस खिलाड़ी ने ऊंची कूद में 1.90 मीटर की कूद के साथ एशिया और इन खेलों का रिकार्ड बनाया।
उपलब्धि
2016 रियो पैरालंपिक में 6वें स्थान पर रहे।
एशियन पैरा गेम्स (2014, 18) में दो स्वर्ण
आइपीसी वल्र्ड चैंपियनशिप (2017) में रजत पदक