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मध्यप्रदेश में कम हुई गरीबी, विश्व बैंक ने भी लगाई मुहर

MP News: मध्यप्रदेश में गरीबी कम हुई है। वर्ष 2011-12 में 65 प्रतिशत अत्यंत गरीब लोग रहते थे, लेकिन 2022-23 में यहां दो-तिहाई गरीबी कम हुई है। कुछ इसी प्रकार की स्थिति उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल की भी है।

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Poverty has reduced in Madhya Pradesh

MP News:मध्यप्रदेश में गरीबी कम हुई है। वर्ष 2011-12 में 65 प्रतिशत अत्यंत गरीब लोग रहते थे, लेकिन 2022-23 में यहां दो-तिहाई गरीबी कम हुई है। कुछ इसी प्रकार की स्थिति उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल की भी है। विश्व बैंक की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, क्रय शक्ति समता (परचेजिंग पावर पैरिटी) के संदर्भ में 2.15 डॉलर प्रतिदिन मापी गई अत्यधिक गरीबी भारत में 2011-12 में 16% थी जो 2022-23 में घटकर 2.3% रह गई। इससे 17.1 करोड़ लोग अंतरराष्ट्रीय गरीबी रेखा से ऊपर उठे।

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कल्याण के लिए निरंतर कार्य

सीएम डॉ. मोहन यादव(CM Mohan Yadav) ने कहा है कि देश में गत दशक में 17 करोड़ लोग गरीबी के कुचक्र से बाहर आए हैं। विश्व बैंक के अनुसार भारत में 171 मिलियन लोगों का अत्यधिक गरीबी से बाहर आना इस दशक की उल्लेखनीय उपलब्धि है। मध्यप्रदेश उन पांच राज्यों में शामिल है, जहां इस क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य हुआ। सीएम ने उपलब्धि के लिए पीएम मोदी के मार्गदर्शन को महत्त्वपूर्ण मानते हुए आभार व्यक्त किया है। कहा, मप्र में युवाओं, किसानों, महिलाओं और गरीब वर्ग के कल्याण के लिए निरंतर कार्य हो रहा है। पीएम की जनहितैषी नीतियों का परिणाम है कि देश में समावेशी विकास और योजनाओं, आर्थिक सुधारों, सेवाओं तक नागरिकों की पहुंच में वृद्धि हुई है।

शहरी बेरोजगारी 6.6% पर पहुंची

वित्तीय वर्ष 2021-22 से रोजगार वृद्धि की दर कार्यशील उम्र की आबादी से अधिक रही है। शहरी बेरोजगारी घटकर 7.8 प्रतिशत से 6.6 प्रतिशत (वित्त वर्ष 24-25 की पहली तिमाही) पर आ गई, जो 2017-18 के बाद सबसे कम है। कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी और स्वरोजगार में भी वृद्धि देखी गई है। हालांकि, युवा बेरोजगारी दर 13.3 प्रतिशत पर बनी हुई है। उच्च शिक्षाप्राप्त युवाओं में यह अभी 29 प्रतिशत तक है।