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कमरों से निकालकर गोदाम में फेंका हॉस्टलर का सामान, स्टूडेंट ने किया प्रदर्शन

locationभोपालPublished: Jun 01, 2020 01:31:15 am

Submitted by:

govind agnihotri

मैनिट हॉस्टल बनेंगे क्वॉरंटीन सेंटर, प्रशासन ने लिया कब्जा, संस्थान के डायरेक्टर ने कहा- स्टूडेंट फिलहाल कर लें खुद का इंतजाम

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भोपाल. मौलाना आजाद नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (मैनिट) परिसर में मौजूद हॉस्टल के 300 से ज्यादा कमरों को क्वॉरंटीन सेंटर बनाने का फरमान तामीली कराने के बाद डायरेक्टर नरेंद्र सिंह रघुवंशी ने विद्यार्थियों से कह दिया है कि वे आने वाले कुछ दिनों तक अपना इंतजाम अपने स्तर पर कर लें। जिला प्रशासन के निर्देशों का हवाला देकर डायरेक्टर ने स्पष्ट कर दिया है कि हॉस्टल के सभी कमरों को एवं प्रशासनिक भवन को संक्रमित मरीजों से मिलने जुलने वाले लोगों को ठहराने के लिए क्वॉरंटीन सेंटर बनाने की कार्रवाई जारी है, इसलिए स्टूडेंट फिलहाल इन परिसरों के आसपास नहीं आए।

मैनिट प्रबंधन की कार्रवाई को तानाशाही करार देते हुए विद्यार्थियों ने अपना विरोध प्रदर्शन रविवार को भी जारी रखा। कई विद्यार्थियों के परिजन भी आसपास के शहरों से आकर अपने बच्चों का सामान लेने के लिए प्रशासनिक भवन में बनाए गए गोदाम के चक्कर लगाते रहे, लेकिन अवकाश का दिन होने की वजह से मौके पर कर्मचारियों की अनुपस्थिति के चलते मुख्य द्वार पर लटक रहे ताले नहीं खोले जा सके जिसके चलते कई विद्यार्थी अपनी जरूरत का सामान प्राप्त नहीं कर सके।
उल्लेखनीय है कि विद्यार्थियों के गृह जिले जाने की स्थिति में कमरों में लगे ताले को प्रबंधन के कर्मचारियों ने हथौड़ी से तोड़ दिया था और कमरों के अंदर रखी जरूरी सामग्री को बोरे में भरकर गोदाम में रखवा दिया गया था। जिला प्रशासन के निर्देश पर छात्रों के कमरों के ताला तोडकऱ सामान जमा करने का फैसला लिया गया था जिसका इंजीनियरिंग विद्यार्थियों ने जमकर विरोध किया था। इस मामले में पूर्व जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने विद्यार्थियों की समस्या से सीएम शिवराज सिंह चौहान को अवगत कराते हुए कार्रवाई की मांग की है। शर्मा ने कहा है कि परीक्षाओं का सीजन आने वाला है और मैनिट प्रशासन और जिला प्रशासन के अधिकारी विद्यार्थियों के सिर से छत छीन रहे हैं ऐसे में चालू शैक्षणिक सत्र बर्बाद होने की कगार पर पहुंच गया है।

23 जून से आरजीपीवी की परीक्षाएं
आरजीपीवी प्रबंधन ने एक सर्कुलर जारी कर 23 जून से बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग, बैचलर ऑफ फार्मेसी जैसे पाठ्यक्रमों की परीक्षाओं की लिखित परीक्षा का आयोजन करने की घोषणा की है। विद्यार्थियों से आठ जून तक आवेदन पत्र दाखिल करने कहा गया है। आरजीपीवी की ओर से प्रदेश में लगभग 100 परीक्षा सेंटर और बढ़ाए जा रहे हैं। प्रबंधन का दावा है कि रेड जोन में शामिल जिलों के अंदर कई तकनीकी कॉलेजों को क्वॉरंटीन सेंटर बनाया गया है इसलिए अतिरिक्त इंतजाम किए जा रहे हैं। विद्यार्थी ऑनलाइन आवेदन करते समय अपनी सुविधा के हिसाब से संबंधित जिले के परीक्षा सेंटर का चयन कर सकेंगे और पहचान पत्र दिखाकर प्रश्न पत्र प्राप्त कर सकेंगे। प्रायोगिक परीक्षाएं 16 जून से शुरू हो रही है।

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