रेलवे बोर्ड चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने पद संभालते ही सभी अधिकारियों को ताकीद की थी कि किसी के भी बंगले में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी उनके व्यक्तिगत कामों के लिए नहीं लगे होने चाहिए। सीआरबी के आदेश के बाद मंडल के सभी अधिकारियों ने कर्मचारियों को उनके मूल विभाग में वापस कर दिया, पर दशकों से अधिकारियों के बंगलों में काम कर रहे कर्मचारियों को उनका मूल काम ही भूल गया है।
एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इन कर्मचारियों से तो गैंती फावड़ा ही नहीं चलता। आपरेटिंग के कर्मचारियों को कॉसन और सिग्नल तक याद नहीं है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन कर्मचारियों को अधिकारियों ने किस कदर बेकार कर दिया है। अधिकारियों के घर की सब्जी लाने, उनके कपड़े प्रेस करने, कुत्ते घुमाने जैसे कामों ने कर्मचारियों को किसी लायक नही छोड़ा।
अब 26 नवंबर तक चलाई जाएगी जयपुर स्पेशल ट्रेन – रेलवे प्रशासन ने त्योहारों को देखते हुए हैदराबाद से जयपुर के बीच चलाई जा रही स्पेशल ट्रेनों के संचालन की तारीख बढ़ा दी है। यह स्पेशल ट्रेनें भोपाल में हाल्ट लेकर जाती हैं। 02732 हैदराबाद-जयपुर स्पेशल 24 नवंबर तक प्रति शुक्रवार चलेगी। यह गाड़ी इस अवधि में प्रति शनिवार दोपहर 2.25 बजे भोपाल आएगी। इसी तरह 02732 जयपुर-हैदराबाद स्पेशल का संचालन 26 नवंबर तक प्रति रविवार किया जाएगा। यह गाड़ी निर्धारित अवधि में सोमवार सुबह 6.15 बजे भोपाल आएगी।
इधर हवलदार ने लौटाया सोने का कीमती हार :-
पुलिस आफिसर्स मेस में पदस्थ 7वीं वाहनी के हवलदार संजीत कुमार सिंह ने इनामदारी की मिसाल पेश की है। उन्होंने मेस में परिवार समेत ठहरे हरियाणा पुलिस के आईजी श्रीकांत जाधव की पत्नी का भूला हुआ सोने का कीमती हार वापस किया है। हार जाधव की पत्नी मेस की अलमारी में भूलकर हरियाणा के लिए रवाना हो गई थीं। रूम चेक कर रहे हवलदार संजीत की नजर हार पर पड़ी तो उन्होंने तुरंत आईजी को फोन कर हार वापस किया। हवलदार की इमानदारी, सराहनीय सेवाओं के लिए न सिर्फ श्रीकांत ने तारीफ की, बल्कि युनिट ने उन्हें सप्ताह का श्रेष्ष्ठ पुलिसकर्मी चयनित किया है।
हरियाणा पुलिस के आईजी श्रीकांत जाधव 19 अक्टूबर को पुलिस आफिसर्स मेस के कमरा-105 में परिवार समेत ठहरे हुए थे। शाम को वे मेस खाली कर चले गए। उनके रूम की देखरेख की जिम्मेदारी हवलदार संजीत कुमार सिंह की थी। निमय के मुताबिक रूम खाली होने के बाद संजीत कमरे को देखने गए।
कमरे में रखी अलमारी में उन्होंने देखा तो सोने का एक बड़ा हार रखा हुआ मिला। उन्होंने तुरंत ही विभाग के अपने अफसरों को जानकारी देकर आईजी जाधव को फोन किया। जाधव ने बताया कि हार उनकी पत्नी का है। जाधव ने तुरंत ही अपने कार चालक को भेजकर हार मंगाया। हार में हीरे के नग जुड़े हुए थे।
बिजली सप्लाई बंद कर बड़ी वारदात रोकी :
संजीत कुमार की सराहनीय सेवाओं की फेहरिस्त इतने में नहीं रुकती। हाल ही में उन्होंने पुलिस आफिसर्स मेस के कमरा-303 में धुआं उठता देख सूझबूझ से बिजली सप्लाई बंद कर दी थी। इससे बड़ी घटना होने से टल गई थी। कमरे में केरला के आईपीएस कुरूविला ठहरे हुए थे। कमरा-302 में आईपीएस निवेदिता गुप्ता की अचानक तबीयत बिगडऩे पर आधी रात अस्पताल लेकर पहुंचे।
खुशी के लिए सेवा :
संजीत बताते हैं कि वह ड्यूटी पूरी इमानदारी से करते हैं, इससे उन्हें खुशी मिलती है। उन्होंने बताया कि आईजी की पत्नी का हार देख जरा भी नियत नहीं डोली। उन्होंने तुरंत ही इसकी जानकारी अपने स्टॉफ को दी थी। आईजी ने भी बहुत प्रशंसा की थी।