
सीकर के नेता और अफसरों के बीच चल रहा तबादले का मैच अब और आगे बढ़ गया है। दो गुटों के झगड़े के बाद छिड़ी तबादले की जंग में अब विधि महाविद्यालय के प्राचार्य भी शामिल हो गए है। क्योकि पिछले दिनों विधि महाविद्यालय के कई विद्यार्थियों ने उच्च शिक्षामंत्री को प्राचार्य के खिलाफ शिकायत की लंबी सूची थमा दी थी। इसके बाद उच्च शिक्षामंत्री ने भी प्रशासनिक अधिकारियों के बजाय नेताओं पर ज्यादा भरोसा जताते हुए जांच का जिम्मा उनको सौप दिया। एेसे में भाजपा नेता अब छात्र और कॉलेज स्टाफ के बीच फंस गए। जनप्रतिनिधियों की कमेटी गुरुवार को उच्च शिक्षा मंत्री को रिपोर्ट भेजेगी। इसके बाद ही कोई निर्णय होगा। हालांकि यह तो तय हो गया कि जिन विद्यार्थियों की उपस्थिति कम है वह एक्स्टा क्लास के जरिए उपस्थिति पूरी करेंगे। लेकिन विद्यार्थी अभी भी तबादले की मांग पर अड़े है।
Read:
सार्वजनिक हुए तो मुकरे
विधि महाविद्यालय के प्राचार्य को हटाने का मामला पिछले दो वर्ष से चल रहा है। पिछली बार हुए तबादले के खेल में पहले भाजपा नेता हटाने की सिफारिश से मना करते रहे। लेकिन जनप्रतिनिधियों के पत्र सार्वजनिक हुए तो उनको कबूल करना पड़ा। हालांकि इसके बाद सरकार ने प्राचार्य को सीकर लगा दिया था।
Read:
जनप्रतिनिधियों पर दवाब
महाविद्यालय प्राचार्य को हटाने के लिए छात्रों ने पूरा दवाब बना रखा है। महाविद्यालय प्राचार्य के भी अपने तर्क है। एेसे में जनप्रतिनिधियों की कमेटी कोई स्पष्ट निर्णय करती हुई नजर नहीं आ रही है।
Read:
इधर, रिसीवरी को लेकर यूटर्न
राधादामोदर मंदिर ट्रस्ट की रिसीवरी को लेकर प्रशासन ने यूटर्न ले लिया है। उपखंड मजिस्ट्रेट ने मंदिर की रिसीवरी शहर कोतवाल के बजाय वापस तहसीलदार सीकर को सौप दी है। इससे पहले उपखंड मजिस्ट्रेट ने शहर कोतवाल को रिसीवरी देने के आदेश जारी किए थे। इस पर पुलिस अधीक्षक ने भी परशुराम पार्क चौकी स्थापित करने के निर्देश दिए थे। लेकिन अब चौकी के स्टाफ को धर्माणा चौकी में मर्ज कर दिया है।
Published on:
13 Apr 2017 10:43 am
बड़ी खबरें
View Allभोपाल
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
