
भोपाल। मध्यप्रदेश नहीं, देश नहीं एशिया का सबसे पुराना हम्माम आज भी भोपाल में नवाबी खानदान की पहचान बना हुआ है। करीब तीन सौ से यह आज भी लगातार चल रहा है। इस हम्माम की खासियत यह है कि इसके आगे आधुनिक स्पॉ भी फीके लगते हैं। यहां मंत्री से लेकर पूर्व राष्ट्रपति तक आ चुके हैं।
नवाबों की शान-ओ-शौकत की बातें आज भी सुनी और सुनाई जाती हैं। नवाबों के रहन-सहन और राजसी ठाट का लुत्फ भले ही आप न उठा सकें, लेकिन उनके नवाबी अंदाज में स्नान, स्टीम बाथ, उबटन, मसाज का लुत्फ जरूर ले सकते हैं।
भोपाल के बड़े तालाब किनारे कमला पार्क पर स्थित है नवाबों का कदीमी रॉयल हमाम। यह दीपावली से होली तक ही खुलता है। इस हमाम को आज भी नवाबी खानदान के वक्त राजदरबार से जुड़े लोगों के वंशज चलाते हैं।
इस हम्मान का लुत्फ उठाने के लिए कई लोग आज भी फैमिली समेत आते हैं, हालांकि यहां महिलाओं के लिए सुबह और पुरुषों के लिए शाम का वक्त मुकर्रर रहता है।
नवाब पठारी के पोते और नाहिद-जहां बेगम, तौफिक जहां बेगम के नाती अनवर फहीम और जागीरदार सद्दा मियां के परपोते मुस्तफा खान अपने भाई सलमान और साथियों की मदद से यह रॉयल हम्माम में आज भी आते हैं।
हमाम में यह है खास तकनीक
-यह एक पुराने किले के भीतर बना हुआ है, इसका डिजाइन बेहद खास है। इमारत गोंडकालीन है और नवाबी दौर में यह नवाब परिवार और उनके मेहमानों के लिए इस्तेमाल किया जाता था।
-हमाम के तल पर तांबे की चादर बिछी हुई है, जिसके नीचे आग जलाने के लिए लकड़ियां लगाई जाती है। हमाम के पीछे से एक सुरंग है जहां से लकड़ियां डालकर जलाया जाता है, जिससे पानी गरम होता है और भाप बनने से हमाम के भीतर स्टीम बाथ का लुत्फ लिया जाता है।
-इससे हमाम इतना गरम हो जाता है कि पैरों में चटके लगते हैं।
-हमाम को सुबह से रात तक गर्म रखने के लिए एक दिन में तीन क्विंटल से अधिक लकड़ी जलाई जाती है।
-तीन हिस्सों में बंटा हुआ है यह हमाम। पहले तो सामान्य तापमान में रखने वाले कमरे में व्यक्ति को बैठाया जाता है। 15 मिनट बैठने के बाद उसका तापमान सामान्य हो जाता है, तब उसे दूसरे कमरे में ले जाकर गुनगुने पानी से नहलाया जाता है। इसके बाद स्टीम बाथ के लिए अलग कमरे में ले जाया जाता है।
भाप वाले कमरे में ही खास प्रकार का उबटन लगाकर शरीर को रगड़ा जाता है और चमड़ी में चिपका मैल पूरी तरह से निकाला जाता है। इसके बाद तेल की मालिश की जाती है और मसाज की जाती है। एक व्यक्ति पैरों से लेकर माथे तक अच्छी तरह से मालिश कर देता है।
महिलाएं जाती हैं सुबह
यहां महिलाओं के लिए सुबह का समय निर्धारित किया गया है। महिलाओं के लिए भी नवाबी दौर से चली आ रही परंपरा के मुताबिक स्पॉ किया जाता है। यह काम बेगमों की सेवा करने वाली महिलाओं के वंशजों द्वारा किया जाता है।
पूर्व राष्ट्रपति भी थे शौकीन
इस हमाम में कई नामचीन हस्तियां भी लुत्फ लेने आती हैं। बताया जाता है कि पहले पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा भी इस हम्मान के शौकीन थे। इनके अलावा बाबूलाल गौर भी इस हम्माम में नियमत आते थे।
थकान दूर करने आते हैं लोग
-इस हमाम की खास बात यह है कि यहां लोग दिनभर की भागदौड़ और थकान को दूर करने आते हैं।
-रॉयल घरानों से जुड़े लोगों की यह पहली पसंद बना हुआ है।
-उबटन और मालिश से स्किन में ग्लो आता है।
ठंड के दिनों में ज्यादा लोग आते हैं।
यह भी है खास
-करीब तीन सौ सालों से भी अधिक पुराने इस नवाबी दौर के हमाम को नवाब साहब के करीबी हज्जाम हम्मू खलीफा को दिया गया था।
-भोपाल में शाही हमाम के अलावा दो और हमाम हैं। इसमें एक इस्लामनगर के चमन महल में है तो दूसरा बेनजीर पैलेस में है। इस्लाम नगर का हम्माम भी अच्छी हालत में है, लेकिन वह बंद कर रखा है। कमला पार्क का रॉयल हमाम ही है जो उस दौर से आज तक लगातार चल रहा है।
-भारत भवन के पास स्थित यह हमाम आज भी वही परिवार चला रहा है जो बेगमों के लिए काम करते थे। यह दीपावली से लेकर होली तक चलता है।
Updated on:
03 Dec 2017 10:36 am
Published on:
02 Dec 2017 05:54 pm
बड़ी खबरें
View Allभोपाल
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
