
Saffron production
केसर का नाम सुनते ही सबसे पहले जहन में कश्मीर का ख्याल आता है, जहां ठंड के नाजुक फूलों से केसर को चुना जाता है। अब भोपाल में भी इसकी खेती की जा रही है, वो भी घर में। करीब 400 स्क्वेयर फीट के एक कमरे में तापमान को नियंत्रित कर इसकी खेती की जा रही है। नवंबर में इसका उत्पादन भी होगा। बाजार में इसकी कीमत करीब 10 लाख रुपए है।
700 किलोग्राम बीज खरीदे
सीमा नाफड़े ने बताया कि मेरी पति विवेक भोपाल स्टेशन पर स्टेशन मास्टर हैं। मैं अपना बिजनेस करती हूं। घर में कई चीजें बनाने में केसर का उपयोग करती थी, लेकिन वह शुद्ध है या नहीं, इसकी पहचान करना मुश्किल होता है। मेरे जैसे कई लोगों की यही समस्या है। कोविड के दौरान मैंने एक वीडियो देखा, जिसमें कमरे में केसर का उत्पादन किया जा रहा था। कोविड खत्म होने के बाद मैं कश्मीर में पुलवामा गई। वहां एक वैज्ञानिक ने बताया कि इसकी इनडोर खेती भी की जा सकती है। मैं वहीं से इसके करीब 700 किलोग्राम बीज खरीद कर लाई। इसमें से करीब 90 किलोग्राम बीज खराब हो गया। 700 किलो से दो किलोग्राम केसर तक का उत्पादन होता, लेकिन अब डेढ़ किलोग्राम तक ही होगा।
तीन साल तक की रिसर्च
सीमा ने बताया कि तीन साल की रिसर्च के बाद करीब 10 लाख रुपए खर्च कर 20 बाय 20 के कमरे में अनुकूल माहौल तैयार किया। सीमा ने बताया कि शुरुआत में 6 से 10 डिग्री तक, अंकुरण के बाद 10 से 14 डिग्री अंकुरण और फुल आने पर 15 डिग्री से ज्यादा तापमान चाहिए होता है। फंगस इंफेक्शन से बचाने के लिए ऑर्गेनिक ट्रीटमेंट दिया। इसकी क्वालिटी भी खुले में उगने वाले केसर जैसी ही होती है। नवंबर मे पहली बार उत्पादन होगा, करीब डेढ़ किलो केसर आने का अनुमान है। सीमा ने बताया कि मध्यप्रदेश में इनडोर में इसका उत्पादन करने वाली मैं पहली महिला हूं।
लकड़ी से बनी ट्रे में उगाए पौधे
अगस्त में ऐरोपोनिक्स पद्धति से बीजों को लकड़ी से बनी स्पेशल ट्रे में उगाने के लिए रख दिया। केसर पैदा करने वाले फूल को उगाने के लिए एक खास तापमान, आर्द्रता और प्रकाश की जरूरत होती है जिसके लिए बिजली से चलने वाले ऑटोमैटिक हयूमीडिफ़ायर और चिलर्स को लगाया है इसमे लगे सेंसर तापमान और आद्रर्ता को नियंत्रित रखते रखते हैं। इसमें मिट्टी का उपयोग नहीं किया गया।
Published on:
28 Oct 2023 04:00 am
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